दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भाजपा और कांग्रेस से सकारात्मक सुझाव देने की अपील की है। राय ने दोनों पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे अपने सुझाव साझा करें, जिन्हें आगामी ‘शीतकालीन कार्य योजना’ में शामिल किया जाएगा। यह योजना सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार की जा रही है, जब दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है।
गोपाल राय ने कहा, “प्रदूषण किसी एक पार्टी का मुद्दा नहीं है, इसे हर किसी के सहयोग से ही नियंत्रित किया जा सकता है। हम सभी से सुझाव लेकर शीतकालीन कार्य योजना तैयार कर रहे हैं, ताकि इस बार दिल्ली में वायु प्रदूषण को प्रभावी तरीके से कम किया जा सके।” राय ने यह भी बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के स्रोतों में से एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्यों से आता है, जिसमें पराली जलाना प्रमुख कारण है।
सरकार ने उठाए अहम कदम
राय ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण कम करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। इनमें ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) और ऑड-ईवन योजना जैसी पहल शामिल हैं, जिनका उद्देश्य प्रदूषण के स्तर को कम करना है। इसके अलावा, ई-वाहनों के बढ़ते इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि सड़कों पर धुआं फैलाने वाले वाहनों की संख्या कम हो सके।
विपक्ष का तीखा जवाब
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गोपाल राय के पत्र को चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अब प्रदूषण के मुद्दे पर ध्यान दे रही है क्योंकि चुनाव नजदीक हैं। सचदेवा ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार पंजाब में पराली जलाने के मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जहां आम आदमी पार्टी की ही सरकार है। उन्होंने पूछा कि पंजाब में किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए कितनी बार पत्राचार किया गया है और उपलब्ध फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों का सदुपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है।
प्रदूषण के खिलाफ साझा प्रयासों की जरूरत
दिल्ली सरकार की शीतकालीन कार्य योजना के तीन मुख्य बिंदु होंगे: दिल्ली के भीतर उठाए जाने वाले कदम, पड़ोसी राज्यों से सहयोग प्राप्त करना और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना। राय ने कहा कि यह समय सभी राजनीतिक दलों के एक साथ आने का है, ताकि दिल्ली की हवा को साफ किया जा सके और प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से लोगों को राहत मिल सके।
इस साल, दिल्लीवासियों को प्रदूषण से राहत देने के लिए एक ठोस और साझा प्रयास करने की जरूरत है, जहां राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करके पर्यावरण को प्राथमिकता दी जाए।
दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए इस बार सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से सुझाव मांगने की पहल की है, जिससे स्पष्ट होता है कि यह समस्या किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास की मांग करती है। गोपाल राय का भाजपा और कांग्रेस से सुझाव लेना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, विपक्ष ने इसे चुनावी राजनीति से जोड़ा है, फिर भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए साझा प्रयासों की आवश्यकता है। शीतकालीन कार्य योजना और सामूहिक सहयोग से दिल्ली की हवा को साफ करने की दिशा में ठोस नतीजे देखने को मिल सकते हैं।
Source- दैनिक जागरण