नई दिल्ली: खाद्य निर्माण कंपनियां अपने विज्ञापनों में पैकेज्ड जूस को 100 प्रतिशत फलों का रस नहीं बता पाएंगी। जूस के बॉक्स के लेबल पर भी कंपनियां इसे 100 प्रतिशत फलों का रस नहीं कह सकेंगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने इस संबंध में सभी खाद्य व्यवसाय कंपनियों को निर्देश दिए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
आधिकारिक बयान के अनुसार, कंपनियों को 1 सितंबर तक ऐसे दावों वाले पहले से मुद्रित सामग्रियों को भी हटाने के निर्देश दिए गए हैं। एफएसएसएआई के संज्ञान में आया है कि कई खाद्य कंपनियां विभिन्न प्रकार के कैन्ड (रीकंस्टिट्यूटेड) जूस को 100 प्रतिशत फलों का रस बताकर झूठा प्रचार कर रही हैं। खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 के अनुसार, पैकेज्ड जूस के लिए 100 प्रतिशत फलों का रस होने का दावा करने का कोई प्रावधान नहीं है।
ऐसे दावे भ्रामक होते हैं, विशेषकर उन स्थितियों में जहां फलों के रस का मुख्य घटक पानी होता है और फलों का रस सीमित मात्रा में होता है।