राजस्थान और उत्तराखंड में बाढ़ का कहर: जनजीवन अस्त-व्यस्त, राहत कार्य जारी

saurabh pandey
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हाल के दिनों में उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। विशेष रूप से राजस्थान और उत्तराखंड में मौसम के तांडव ने गंभीर हालात पैदा कर दिए हैं। इन राज्यों में हुई बारिश के कारण दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है, और कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

राजस्थान में बाढ़ और मौतों का आंकड़ा बढ़ा

राजस्थान में पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस दौरान विभिन्न हादसों में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। करौली, सवाई माधोपुर, दौसा और भरतपुर जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। करौली में भारी बारिश के कारण कई घरों में पानी भर गया, और आपदा प्रबंधन दल ने लगभग सौ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इसी तरह, बूंदी जिले में इंद्राणी बांध के ओवरफ्लो होने से पानी आसपास के गांवों में फैल गया है। नागौर, जोधपुर, चित्तौड़गढ़ और सीकर में भी भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है। सीकर में मकान गिरने से दो लोग घायल हो गए हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन की आपदा

उत्तराखंड में भी बारिश ने गंभीर तबाही मचाई है। पिथौरागढ़ के हिंदी गांव में भूस्खलन से 10 परिवारों को खतरा पैदा हो गया है। चमोली जिले में भारी बारिश ने आवासीय भवनों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे 292 परिवार बेघर हो गए हैं। इन परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, लेकिन सीमित सुविधाओं के कारण यहां रहने की स्थिति कठिन है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, बुधवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून और बागेश्वर के कुछ इलाकों में आंधी के साथ तेज बारिश की संभावना है। इन जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, और चार धाम यात्रा मार्ग भी बाधित हो रहे हैं।

राहत कार्य और प्रशासनिक पहल

राजस्थान और उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। स्थानीय प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेज रहा है और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान कर रहा है। इन आपदाओं के बीच, सरकार और स्थानीय प्रशासन की तत्परता राहत कार्यों की कुशलता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

जैसे-जैसे मौसम की स्थिति में बदलाव आता है, उम्मीद है कि राहत कार्य और पुनर्वास की कोशिशें प्रभावित लोगों को जल्द ही राहत प्रदान करेंगी।

राजस्थान और उत्तराखंड में हाल की बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने इन राज्यों के नागरिकों के लिए गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं। राजस्थान में लगातार बारिश ने कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों लोगों की जान चली गई है और कई क्षेत्रों में गंभीर तबाही मची है। वहीं, उत्तराखंड में भूस्खलन और भारी बारिश ने न केवल जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की कठिन परिस्थितियों को भी उजागर किया है।

इन घटनाओं के बीच, राहत और पुनर्वास कार्यों की अहमियत बढ़ गई है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन दलों की त्वरित प्रतिक्रिया और राहत प्रयासों से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है। भविष्य में इस तरह की आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए, एक समन्वित और प्रभावी आपदा प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता है। इन कठिन समयों में, मानवता की ताकत और सामूहिक प्रयास ही हमें इस स्थिति से उबार सकते हैं।

Source- दैनिक जागरण

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