मध्य यूरोप में पिछले दो दशकों की सबसे भीषण बाढ़ ने ऑस्ट्रिया से लेकर रोमानिया तक कहर बरपाया है। इस बाढ़ में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और कई क्षेत्रों में भारी तबाही की तस्वीरें उभर रही हैं। सोमवार को पोलैंड और चेक गणराज्य के कई इलाकों में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते देखे गए।
भारी बारिश और बढ़ते जलस्तर से संकट
पिछले सप्ताह से लगातार हो रही भारी बारिश और बढ़ते जलस्तर ने चेक गणराज्य और पोलैंड के सीमावर्ती इलाकों में सबसे ज्यादा असर डाला है। कई घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं, कारें बर्बाद हो गई हैं, और पुल ढह गए हैं। इस स्थिति ने लोगों को अपने घर छोड़ने और सुरक्षित स्थानों पर जाने पर मजबूर कर दिया है।
पोलैंड और चेक गणराज्य में बाढ़ की स्थिति
सोमवार को पोलैंड के टोपोला जलाशय का पानी कोजिलनो गांव तक पहुंच गया, जिसके कारण आसपास के गांवों और कस्बों को खाली कराना पड़ा। चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में एक अवरोध टूट जाने के बाद ओड्रा नदी का पानी पहले से उफनती ओपावा नदी में मिल गया, जिससे शहर के औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों में अचानक बाढ़ आ गई। इसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
लिटोवाल और अन्य प्रभावित क्षेत्र
चेक गणराज्य के लिटोवाल शहर का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पानी में डूब चुका है। बाढ़ ने इस क्षेत्र के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पोलिश सरकार ने इसे राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है और 260 मिलियन अमेरिकी डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की है।
अन्य प्रभावित देशों की स्थिति
इसके अलावा, रोमानिया, सिलेसिया के ब्रोक्ला, ऑस्ट्रिया के विएना, स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा और हंगरी में भी बाढ़ का खौफ देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों में बाढ़ का असर न केवल स्थानीय जीवन को प्रभावित कर रहा है बल्कि आर्थिक और बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है।
राहत और पुनर्वास कार्य
मध्य यूरोप में बाढ़ के प्रभाव को कम करने और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं। सरकारें और राहत एजेंसियां मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत पहुंचाने और दीर्घकालिक पुनर्वास के प्रयास कर रही हैं।
इस भीषण बाढ़ ने मध्य यूरोप में गंभीर संकट पैदा कर दिया है, और इसके प्रभाव को दूर करने के लिए व्यापक राहत प्रयासों की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसी आपदाओं के प्रबंधन के लिए बेहतर योजना और तैयारी की आवश्यकता है ताकि प्रभावित लोगों को समय पर सहायता मिल सके और इस तरह की आपदाओं से बचाव किया जा सके।
Source- dainik jagran