सहारनपुर के थरौली गाँव के किसान ने दुनिया के सबसे महंगे आमों में से एक, जापानी आम मियाजाकी का उत्पादन किया है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत प्रति किलो 2.70 लाख से 3 लाख रुपये तक पहुंचती है।
मियाजाकी मैंगो क्या है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये दुनिया की सबसे महंगी आम की किस्म है। इसे ‘ताइयो-नो-टोमागो’ या ‘एग्स ऑफ सनशाइन’ के नाम से बेचा जाता है। आमों के अन्य किस्में हरे और पीले रंग में होती है, लेकिन इसका रंग गहरा लाल है। इसका आकार डायनासोर के अंडे की तरह दिखता है।
इस आम में ऐसा क्या अनोखा है?
ये आम जापान में उगाया जाता है। मियाजाकी आम का नाम जापान के एक शहर ‘मियाजाकी’ के नाम पर रखा गया है, जहां इस फल को मुख्य रूप से उगाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे गुण होते हैं। इसमें शुगर 15 प्रतिशत या अधिक होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। ये फल अप्रैल और अगस्त के महीनों के बीच होता है। इसे जापान में बिकने वाले सबसे महंगे फलों में से एक माना जाता है।
संदीप चौधरी ने बताया कि उन्होंने बगीचे में नौ माह पहले कोलकाता से मियाजाकी के दो पौधे लगाए थे। अब उनकी ऊंचाई तीन फीट है और बगीचे में इन पौधों ने पहले ही फल देना शुरू कर दिया है। पहले फल का वजन लगभग 300-350 ग्राम होगा। इसे अगस्त में तैयार माना जा रहा है।
जापानी आम मियाजाकी के बारे में बताते हुए संदीप चौधरी ने कहा, “यह आम अन्य विदेशी किस्मों से अलग है क्योंकि इसमें सबसे अधिक विटामिन और प्रोटीन होते हैं। यह कैंसर के खतरे को कम करने के लिए भी जाना जाता है।”
जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह ने इस विशेष आम की खासियतों पर विशेष रूप से ध्यान दिया और इसे विशेष रूप से विकसित किए गए बगीचे में उगाने की प्रेरणा दी।
इस अनोखे आम की कीमत उसकी विशेषताओं और विशेष गुणों के कारण उच्च है। इसे तेज धूप और भारी बारिश के मौसम में उगाना आमदनी का स्रोत बन सकता है।
इंटरनेट मीडिया में मियाजाकी आम की मांग
इस खबर के बाद, संदीप चौधरी ने इंटरनेट मीडिया पर भी मियाजाकी आम के बारे में जानकारी साझा की, जिससे स्थानीय उत्पादकों को नई बाजार मिल सकती है। इसके बाद सूरत के व्यापारी प्रवीण गुप्ता ने खरीदने के लिए उनसे संपर्क किया।
source-दैनिक जागरण समाचार पत्र
