हर नागरिक को बनना होगा जल योद्धा: राष्ट्रपति

saurabh pandey
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जल संसाधनों के कुशल उपयोग और जल संरक्षण पर जोर देते हुए देश के हर नागरिक से जल योद्धा बनने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पानी की हर बूंद कीमती है और इसका सही उपयोग ही जल संकट का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि धरती पर उपलब्ध जल का मात्र 2.5% शुद्ध पेयजल है, जिसमें से केवल 1% मानव उपयोग के लिए उपलब्ध है। भारत के पास विश्व के जल संसाधनों का केवल 4% है, जिसमें से 80% कृषि के लिए उपयोग होता है। इस संदर्भ में जल बचाने के हर संभव प्रयास जरूरी हैं।

जल संरक्षण की आवश्यकता

राष्ट्रपति मुर्मू ने आठवें जल सप्ताह के उद्घाटन समारोह में देश के हर नागरिक से जल संरक्षण के लिए योगदान देने की अपील की। उन्होंने बताया कि ‘जल जीवन मिशन’ जैसी योजनाएं लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं। इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी बांध निर्माण से जुड़ी चुनौतियों और ‘कैच द रेन’ अभियान की सफलता की बात की, जिसमें वर्षा जल संग्रहण के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है।

गिरते भूजल स्तर पर चिंता

राष्ट्रपति ने गिरते भूजल स्तर को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि इसका समाधान वृक्षारोपण और सतत जल प्रबंधन से ही संभव है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण का मूल मंत्र है कि “बूंद-बूंद से सागर भरता है,” और हमें हर बूंद की अहमियत समझनी होगी।

जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, और इसका समाधान हर नागरिक की भागीदारी से ही संभव हो सकता है। राष्ट्रपति मुर्मू और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल की अपील बताती है कि जल संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास और व्यक्तिगत जिम्मेदारी दोनों आवश्यक हैं।

जल संकट से निपटना आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता है, और इसका समाधान हर नागरिक की जागरूकता और योगदान से ही संभव है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आह्वान कि हर व्यक्ति जल योद्धा बने, एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत में सीमित जल संसाधनों को संरक्षित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। वृक्षारोपण, जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं और जल संग्रहण के प्रति जागरूकता ही इस चुनौती का दीर्घकालिक समाधान हो सकता है।

Source- dainik jagran

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