जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने और धरती को हरा-भरा बनाए रखने के लिए भारत में ‘वन ट्री फॉर मदर’ ( एक पेड़ मां के नाम ) अभियान ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। यह अभियान 5 जून, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य न केवल अधिक से अधिक पौधारोपण करना, बल्कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक और प्रेरित करना भी है। इस अभियान में अब तक देशभर में 52 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।
अभियान की सफलता की कहानी
‘वन ट्री फॉर मदर’ का अनूठापन इस बात में है कि इसमें लोगों को उनकी माताओं के सम्मान में एक पौधा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अभियान का विचार था कि जैसे एक मां अपने बच्चे को पालती है, वैसे ही हर व्यक्ति लगाए गए पौधे की देखभाल करे। यह भावना हर राज्य और समुदाय में फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप केवल तीन महीनों में 52 करोड़ पौधे लगाए गए। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने हाल ही में इस अद्वितीय पहल की सफलता पर प्रकाश डाला।
राज्यों में अभियान की स्थिति
देश के विभिन्न राज्यों में इस अभियान के तहत उल्लेखनीय कार्य हुआ। उत्तर प्रदेश ने इस पहल में अग्रणी भूमिका निभाते हुए 14.98 करोड़ पौधे लगाए। तेलंगाना में 6.14 करोड़, मध्य प्रदेश में 2.49 करोड़, और बिहार में 1.94 करोड़ पौधे लगाए गए। इसके अलावा, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी इस अभियान में योगदान दिया, जैसे दिल्ली में 71.59 लाख पौधे और उत्तराखंड में 1.03 करोड़ पौधे लगाए गए।
भविष्य की योजनाएं
‘वन ट्री फॉर मदर’ अभियान अभी रुका नहीं है। इसका अगला लक्ष्य सितंबर 2024 तक 80 करोड़ पौधे लगाना है, और मार्च 2025 तक कुल 140 करोड़ पौधे लगाने का है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं और संगठनों को भी बड़ी भूमिका निभानी है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि लगाए गए पौधे जीवित रहें और उनकी देखभाल की जाए।
क्यों जरूरी है यह अभियान?
आज जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण जैसी चुनौतियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में पौधारोपण का यह बड़ा अभियान न केवल पर्यावरण को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी सुनिश्चित करेगा। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन देते हैं और मिट्टी को मजबूत बनाने में भी सहायक होते हैं।
स्थानीय भागीदारी और जागरूकता
इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें हर वर्ग और समुदाय ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थाओं, और निजी संगठनों ने मिलकर इसे एक जन आंदोलन में बदल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस अभियान की शुरुआत में एक पौधा लगाया था, जिससे जनता को प्रेरणा मिली। इस पहल ने समाज के हर वर्ग को एकजुट कर एक सकारात्मक संदेश दिया कि अगर हम सब मिलकर प्रयास करें, तो बड़े से बड़े पर्यावरणीय संकट का समाधान संभव है।
‘वन ट्री फॉर मदर’ अभियान न केवल पौधारोपण का कार्य है, बल्कि यह एक आंदोलन है जो हमें हमारी धरती के प्रति जिम्मेदारी का एहसास दिलाता है। पौधे लगाकर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। इस तरह के अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होते हैं, बल्कि समाज को जागरूक और जिम्मेदार बनाते हैं।
‘वन ट्री फॉर मदर’ अभियान ने पौधारोपण को एक सामाजिक आंदोलन में बदलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह पहल न केवल जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने में सहायक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित करने का संकल्प भी है। इस अभियान ने पूरे देश को एकजुट कर यह दिखाया है कि अगर हम सब मिलकर छोटे-छोटे कदम उठाएं, तो बड़े बदलाव संभव हैं। हमें इस अभियान को जारी रखते हुए और अधिक पौधे लगाकर प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हमारी धरती सुरक्षित और सुंदर बनी रहे।
Source- dainik jagran