हमारी धरती के आंतरिक कोर का रहस्य लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती रहा है। यह आंतरिक कोर, जो लगभग 2,890 किलोमीटर की गहराई पर स्थित है, तरल धातु की एक विशाल गेंद है। इस कोर की संरचना और गुणधर्मों को समझने के लिए भूकंपीय तरंगों का उपयोग किया जाता है। इन तरंगों के अध्ययन से यह पता चलता है कि कोर के भूमध्य रेखा के चारों ओर एक डोनट के आकार का क्षेत्र है, जहाँ तरंगें बाकी कोर की तुलना में लगभग दो प्रतिशत धीमी गति से यात्रा करती हैं।
आंतरिक कोर की संरचना
भूकंपीय तरंगों के अध्ययन से पता चला है कि बाहरी कोर की त्रिज्या लगभग 3,480 किमी है, जिसमें मुख्यतः लोहा और निकल होते हैं, लेकिन कुछ हल्के तत्व जैसे सिलिकॉन, ऑक्सीजन, सल्फर, हाइड्रोजन और कार्बन भी मौजूद होते हैं। यह बाहरी कोर ऊपरी हिस्से की तुलना में अधिक गर्म होता है, जिससे तरल धातु में उबाल की तरह कंपन होता है।
डोनट आकार का क्षेत्र
इस शोध के अनुसार, डोनट के आकार का क्षेत्र भूमध्य रेखा के पास स्थित है, जहां तरंगों की गति धीमी हो जाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में हल्के तत्वों की अधिक मात्रा के कारण भूकंपीय तरंगें धीमी हो जाती हैं। यदि बाहरी कोर हर जगह एक ही सामग्री से भरा होता, तो तरंगों की गति भी हर जगह समान होती।
जियोडायनेमो और चुंबकीय क्षेत्र
पृथ्वी का ठोस आंतरिक कोर तरल बाहरी कोर को लंबे भंवरों में व्यवस्थित करता है, जो उत्तर-दक्षिण दिशा में चलते हैं। इन भंवरों की अशांत गति एक ‘जियोडायनेमो’ बनाती है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करती है। यह चुंबकीय क्षेत्र हमारे ग्रह को विकिरण से बचाता है, जिससे सतह पर जीवन संभव हो पाता है।
पृथ्वी के आंतरिक कोर की संरचना और उसके प्रभावों को समझने के लिए वर्तमान में किए जा रहे अध्ययन हमें आंतरगर्भीय प्रक्रियाओं और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के गठन को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे। यह शोध वैज्ञानिकों को धरती के आंतरिक भागों के बारे में और गहरी जानकारी प्रदान करेगा, जो न केवल हमारे ग्रह के इतिहास को समझने में सहायक होगा, बल्कि भविष्य में इसके संरक्षण और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
पृथ्वी के आंतरिक कोर की संरचना और उसके प्रभावों का अध्ययन वैज्ञानिकों को धरती के आंतरिक भागों के रहस्यों को समझने में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। बाहरी कोर में पाए जाने वाले डोनट के आकार के क्षेत्र और उसमें तरंगों की धीमी गति से यह संकेत मिलता है कि हल्के तत्वों का उच्च मात्रा इस क्षेत्र में मौजूद है। इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण आंतरिक कोर के जियोडायनेमो द्वारा होता है, जो हमारे ग्रह को विकिरण से बचाता है और सतह पर जीवन के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान करता है। इस तरह के शोध पृथ्वी के आंतरिक संरचना की जटिलताओं को समझने में सहायक हैं और पृथ्वी की स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Source- dainik jagran