दिल्ली में बारिश ने गर्मी और प्रदूषण से दिलाई राहत: साल में पहली बार स्वच्छ हवा

saurabh pandey
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दिल्ली में हुई हल्की बारिश ने गर्मी और प्रदूषण से लोगों को बड़ी राहत दी है। गुरुवार को हवा की गुणवत्ता इस साल की सबसे साफ रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 से नीचे आ गया, जिसे संतोषजनक श्रेणी में रखा गया। दिल्ली में अक्तूबर से फरवरी तक सबसे ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस बार बारिश ने लोगों को राहत दी है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बारिश ने गर्मी और प्रदूषण से लोगों को बड़ी सहायता पहुंचाई। यहां दिल्ली में भीषण गर्मी के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है। पिछले दो दिनों में मौसम में हुए बदलाव के कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है। गुरुवार सुबह दिल्ली के अधिकांश इलाकों में हल्की बारिश हुई और इससे प्रदूषण के स्तर में भी सुधार हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 79 रहा है, जो संतोषजनक श्रेणी में आता है। यह साल यह पहली बार है जब दिल्ली में हवा इतनी साफ हुई है। पिछले साल के इसी दिन, वायु गुणवत्ता सूचकांक 89 पर था। यह बारिश दिल्लीवासियों को गर्मी के अलावा प्रदूषण से भी राहत दिलाने में सफल रही है।

दिल्ली में प्रदूषण: समस्या और समाधान

भारत की राजधानी दिल्ली, जो गर्मियों में अपनी बेहतरीन शर्तों के लिए जानी जाती है, लेकिन प्रदूषण की समस्या ने उसके वायु गुणवत्ता को प्रभावित किया है। बारिश ने इस समस्या में कुछ सुधार लाने में मदद की है, लेकिन इसे लगातार नियंत्रित रखने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाने चाहिए।

प्रदूषण की समस्या: दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजह गाड़ीयों का अधिकतम उत्सर्जन, उच्च आयाम का उद्योगिक उत्पादन, वनस्पति रोग, और गर्मियों में गंधक द्वारा उत्पन्न होने वाले ऑजोन है। इन सभी कारकों ने दिल्ली के वायु गुणवत्ता को प्रभावित किया है, जिसका परिणाम स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

बारिश का प्रभाव: बारिश द्वारा धूल-कणों और विषैले पदार्थों के प्रदूषण में गिरावट होती है। यह बारिश वायु में मौजूद धूल, कणों और कार्बन डाइऑक्साइड को भिगोकर उनका स्तर कम करने में मदद करती है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।

नए पहलू: सरकार और स्थानीय निकायों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। जैसे कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्रोत्साहित करना, वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए नए तकनीकी उपाय अपनाना, और गाड़ीयों के प्रदूषण पर नियंत्रण लगाना।

दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी स्तरों पर सहयोग की आवश्यकता है। बारिश ने स्थिति में सुधार लाया है, लेकिन इसे दिन-प्रतिदिन नियंत्रित रखने के लिए व्यापक उपायों की आवश्यकता है।

सौरभ पाण्डेय

prakritiwad.com

source- हिन्दुस्तान समाचार पत्र

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