उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से स्थिति गंभीर हो गई है। रविवार को विभिन्न राज्यों में बारिश से संबंधित हादसों में 21 लोगों की मौत हो गई है। राजस्थान में सबसे ज्यादा 14 मौतें हुईं, जिनमें से सात लोगों की मौत बाणगंगा नदी में डूबने से हुई। बिहार में पांच लोगों की मौत के साथ विधानसभा परिसर भी पानी से भर गया। जम्मू में अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है, जबकि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए मौसम में और उतार-चढ़ाव की चेतावनी जारी की है।
राजस्थान में लगातार बारिश के कारण हालात बिगड़ गए हैं। भरतपुर में नदी में नहाते समय सात युवक डूब गए, और सवाई माधोपुर जिले के 20 गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति गंभीर है, जहां बादल फटने से 800 सेब के पौधे बह गए और 137 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। उत्तराखंड के केदार घाटी में झील टूटने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। चमोली में बादल फटने से आवासीय भवन और गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए हैं, और चारधाम यात्रा मार्ग भी अवरुद्ध हो रहे हैं।
पंजाब में होशियारपुर के पास बरसाती नाले में बहने से एक ही परिवार के आठ लोगों समेत नौ की मौत हो गई है। हादसे के समय इनोवा गाड़ी खड्ड में बह गई थी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने कई राज्यों में तबाही मचा दी है। राजस्थान और बिहार में भारी बारिश के कारण मौतों की संख्या बढ़ गई है और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी प्राकृतिक आपदाओं ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, जिससे लोगों की जीवनशैली पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। पंजाब में भी बारिश और जलभराव से मौतें हुई हैं, और सरकार ने पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। मौजूदा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग की चेतावनियों के मद्देनजर, अगले कुछ दिनों में स्थिति और बिगड़ने की संभावना है।
Source- दैनिक जागरण