दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने हाल ही में राजधानी में वृक्षारोपण, पौधरोपण और हरियाली कार्य की विस्तृत समीक्षा की। उनके नेतृत्व में 2024-25 में 67 लाख पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है, हालांकि दिल्ली में जमीन की कमी एक बड़ी चुनौती है।
पर्यावरण-अनुकूल पहल
पौधों को लगाने और वितरित करने के लिए प्लास्टिक की थैलियों के बजाय मिट्टी और गोबर से बने गमलों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह न केवल प्लास्टिक के खतरे को कम करेगा बल्कि पौधों को शुरुआती पोषण भी प्रदान करेगा।
दिल्ली में इस व्यापक वृक्षारोपण अभियान का उद्देश्य न केवल हरित क्षेत्र को बढ़ाना है बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाना है। यह अभियान आने वाले वर्षों में दिल्ली की हरियाली और पर्यावरण की स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
हरित क्षेत्र के विस्तार के लिए नई रणनीतियाँ
एलजी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे वृक्षारोपण के नए तरीकों की खोज करें, जैसे कि मियांवाकी विधि और जलीय वनस्पतियों का रोपण, ताकि दिल्ली के हरित क्षेत्र को बढ़ाया जा सके।
विशेष वृक्षारोपण अभियान
एलजी की देखरेख में 9 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं, जिनमें से 5.50 लाख पेड़ जुलाई 2023 में असोला भाटी माइंस में लगाए गए थे। इसके अलावा जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले गढ़ीमांडू में 83,500 बांस और फूल के पौधे लगाए गए, और सड़क किनारे 20,000 पौधे लगाए गए।
नई वनस्पतियों की पहल
पहली बार दिल्ली में चेरी ब्लॉसम, चिनार, ग्रीन एप्पल, वाटर एप्पल और चंदन के पौधे लगाए गए हैं। यह पहल इस मिथक को तोड़ने के लिए की गई है कि ये पौधे और फल दिल्ली में नहीं उग सकते।
ग्रीन लेआउट 2024-25
एलजी ने मौजूदा हरित क्षेत्र को बढ़ाने और 2024-25 के तहत और अधिक हरित क्षेत्र बनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए दिल्ली सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग, डीडीए, एमसीडी और एनडीएमसी के बीच समन्वय स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया है।
पिछले वर्षों की उपलब्धियां
- 2022-23: दिल्ली में 48 लाख पेड़ और झाड़ियाँ लगाई गईं।
- 2023-24: यह संख्या बढ़कर 89 लाख हो गई।
- DDA का योगदान: अकेले डीडीए ने इस अवधि के दौरान 14.61 लाख पेड़ लगाए हैं।
source and data- दैनिक जागरण