देश में हर दूसरा वयस्क शारीरिक रूप से फिट नहीं: अध्ययन

saurabh pandey
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एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर दो वयस्कों में से एक शारीरिक रूप से फिट नहीं है, जिससे आधी वयस्क आबादी गंभीर बीमारियों के खतरे में है। इन बीमारियों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, टाइप-2 डायबिटीज, डिमेंशिया, ब्रेस्ट और कोलन कैंसर शामिल हैं। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ’ में मंगलवार को प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

50% वयस्क: वर्ष 2022 में शारीरिक गतिविधि के आवश्यक स्तर को पूरा नहीं कर पाए।

57% पुरुष: आवश्यक शारीरिक गतिविधि स्तर को पूरा नहीं कर पाए।

42% महिलाएं: शारीरिक रूप से कम सक्रिय पाई गईं।

शारीरिक गतिविधि के मानक

मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि: हर हफ्ते 150 मिनट जरूरी है।

जोरदार तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि: हर हफ्ते 75 मिनट की जा सकती है।

वैश्विक परिदृश्य

दुनिया भर में भी वयस्क इस संकट से गुजर रहे हैं। विश्व भर में 31.3 प्रतिशत वयस्क शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं।

शारीरिक रूप से निष्क्रियता के परिणाम

शारीरिक गतिविधि के अभाव में कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है:

हार्ट अटैक और स्ट्रोक: शारीरिक गतिविधि की कमी से हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

टाइप-2 डायबिटीज: शारीरिक निष्क्रियता के कारण शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है, जिससे डायबिटीज का खतरा होता है।

डिमेंशिया: मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है और डिमेंशिया जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।

ब्रेस्ट और कोलन कैंसर: शारीरिक गतिविधि की कमी से कैंसर का खतरा बढ़ता है।

समाधान और सुझाव

शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना: रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि को आदत में शामिल करना चाहिए।

स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम: सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए।

समुदाय आधारित कार्यक्रम: स्थानीय समुदायों में स्वास्थ्य और फिटनेस कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए।

शारीरिक शिक्षा: स्कूल और कॉलेजों में शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य बनाना चाहिए।

फिटनेस:

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना न केवल शरीर के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इससे न केवल बीमारियों से बचाव होता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। इसलिए, हमें अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को शामिल कर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता है।

फिटनेस: स्वस्थ जीवन की कुंजी

फिटनेस का मतलब केवल शारीरिक गतिविधि करना ही नहीं है, बल्कि यह एक समग्र जीवनशैली का हिस्सा है जिसमें सही आहार, मानसिक स्वास्थ्य, और सकारात्मक जीवनशैली शामिल है। आइए जानें फिटनेस के विभिन्न पहलुओं के बारे में।

शारीरिक फिटनेस

1. कार्डियोवस्कुलर व्यायाम: यह आपके हृदय और फेफड़ों को मजबूत करता है। इसमें दौड़ना, तैराकी, साइकिलिंग, और एरोबिक्स शामिल हैं।

2. ताकत का प्रशिक्षण: मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए वेटलिफ्टिंग और बॉडीवेट एक्सरसाइज जैसे पुश-अप्स और स्क्वाट्स करें।

3. लचीलापन: योग और स्ट्रेचिंग से शरीर लचीला और मजबूत बनता है, और चोटों से बचाव होता है।

मानसिक फिटनेस

1. ध्यान और मेडिटेशन: ये तकनीकें मानसिक तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करती हैं।

2. नियमित विश्राम: मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद और विश्राम जरूरी है।

सही आहार

1. संतुलित आहार: प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, और खनिजों का संतुलित सेवन करें।

2. हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क के लिए आवश्यक है।

3. ताजे फल और सब्जियां: इनका सेवन शरीर को आवश्यक पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करता है।

सकारात्मक जीवनशैली

1. समय प्रबंधन: अपनी दिनचर्या को इस तरह से व्यवस्थित करें कि शारीरिक गतिविधि, आहार, और विश्राम के लिए समय मिल सके।

2. सामुदायिक भागीदारी: सामुदायिक गतिविधियों में भाग लेने से सामाजिक समर्थन मिलता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

3. नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से डॉक्टर से चेक-अप कराना और स्वास्थ्य समस्याओं का समय पर निदान और उपचार करना महत्वपूर्ण है।

फिटनेस केवल शारीरिक नहीं, बल्कि एक समग्र जीवनशैली है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और खुशहाली को प्रभावित करती है। इसे अपनाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएं और धीरे-धीरे अपनी आदतों में सुधार करें। स्वस्थ जीवनशैली आपको एक लंबे, खुशहाल और स्वस्थ जीवन का आनंद लेने में मदद करेगी।

सौरभ पाण्डेय

prakritiwad.com

source- हिन्दुस्तान समाचार पत्र

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