नई दिल्ली | राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने देशभर में मेट्रो लाइनों पर कीमती बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं। एनजीटी ने इस आदेश के तहत दिल्ली मेट्रो लाइनों पर बारिश के पानी से होने वाले प्रदूषण के मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली मेट्रो ने अपने सभी रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स को 31 अगस्त तक उपयोगी बनाने का निर्देश दिया है।
एनजीटी के याचिकाकर्ता हरपाल सिंह राणा ने शिकायत की है कि दिल्ली में कई स्थानों पर मेट्रो खंभों के पास बारिश के पानी को इकट्ठा होने दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, जहां बारिश का पानी सड़क पर फैलता है, वहां पानी की बर्बादी भी हो रही है जिससे ट्रैफिक जाम और हादसों का कारण बन सकता है।

एनजीटी ने इस मामले में जांच की रिपोर्ट में पाया कि दिल्ली मेट्रो ने अपने गड्ढों की मरम्मत करवाने का निर्देश दिया है और वायडक्ट से पाइप नीचे लाने और गहराई का उपयोग करते हुए गड्ढे बनाने की कार्यवाही करने के लिए तकनीकी रूप से बहुत बड़ा काम है। दिल्ली मेट्रो ने अपने गड्ढों में रिचार्ज पिट बनाए गए हैं और भूजल स्तर में तेजी से गिरावट के क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
इस आदेश की एक कॉपी सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी भेजी गई है और दिल्ली मेट्रो को 13 सितंबर तक अपनी अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।
बारिश का पानी और उसका महत्व
बारिश का पानी हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह प्रकृति का एक अनमोल उपहार है जो न केवल हमारी प्यास बुझाता है, बल्कि कृषि, उद्योग और पर्यावरण के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है। आज के समय में, जब पानी की कमी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, बारिश का पानी संजीवनी की तरह है।

बारिश का पानी और जल संसाधन
बारिश का पानी हमारे जल संसाधनों का मुख्य स्रोत है। यह नदियों, झीलों और भूजल का पुनर्भरण करता है। जब बारिश होती है, तो इसका एक बड़ा हिस्सा भूमि में समाहित हो जाता है, जिससे भूजल स्तर में वृद्धि होती है। यह जल हमारे पीने, कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है।
कृषि में बारिश का महत्व
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और बारिश का पानी इसका मुख्य आधार है। फसलों के बढ़ने और अच्छे उत्पादन के लिए पर्याप्त बारिश आवश्यक है। किसान मानसून पर बहुत निर्भर होते हैं क्योंकि यह उनकी फसलों की सिंचाई करता है और उन्हें अच्छी पैदावार की उम्मीद दिलाता है।
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
बारिश का पानी पर्यावरण को संतुलित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वनस्पतियों और जीवों के लिए आवश्यक है। पेड़-पौधे और वनस्पतियाँ बारिश के पानी से पोषण प्राप्त करती हैं, जो उनकी वृद्धि के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, यह नदियों, झीलों और तालाबों को भरकर वहां के जीव-जन्तुओं को जीवन प्रदान करता है।
जल संचयन और संरक्षण
आज के समय में, जब जल संकट गंभीर समस्या बन चुका है, बारिश के पानी का संचयन और संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। विभिन्न तरीकों से बारिश के पानी को संग्रहित करके इसे सूखे के समय उपयोग में लाया जा सकता है। रूफटॉप रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, तालाब, कुंड, और नहरें जैसे उपायों से बारिश के पानी का संग्रहण किया जा सकता है।
शहरीकरण और जल प्रबंधन
तेजी से हो रहे शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या के कारण जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में बारिश का पानी अक्सर नालों और सीवेज में बह जाता है, जिससे जल संचयन की संभावनाएँ कम हो जाती हैं। इसलिए, शहरी क्षेत्रों में भी बारिश के पानी का सही प्रबंधन आवश्यक है। इसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और परकोलेशन पिट्स जैसे उपाय अपनाए जा सकते हैं।
बारिश का पानी हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें इसे संजोकर रखना चाहिए और इसके संरक्षण के उपाय अपनाने चाहिए। जल संकट के इस दौर में बारिश का पानी हमारी जरूरतों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसके सही उपयोग और संरक्षण से हम न केवल जल संकट से निपट सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध पर्यावरण का निर्माण भी कर सकते हैं।
बारिश का पानी प्रकृति का एक ऐसा उपहार है, जिसे सही तरीके से संजोने और उपयोग करने से हम अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। हमें इसे महत्व देना चाहिए और इसके संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
Source- अमर उजाला ब्यूरो