नई दिल्ली: दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए एक नई और प्रभावी दोहरी रणनीति पर विचार कर रही है। इस रणनीति में प्रमुखता से सौर ऊर्जा से चलने वाले ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और वर्टिकल फॉरेस्ट का तेजी से क्रियान्वयन शामिल है।
नई कार्ययोजना
दिल्ली का लक्ष्य इस साल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक नई कार्ययोजना लागू करना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अंतिम मसौदा तैयार है और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजे जाने से पहले शहर सरकार के पर्यावरण मंत्री की मंज़ूरी का इंतज़ार है।
इस दोहरी रणनीति के माध्यम से, दिल्ली सरकार ने यह संकेत दिया है कि वे वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इन नवाचारों और योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से दिल्ली के नागरिकों को एक बेहतर और स्वस्थ पर्यावरण मिलेगा।
नवोन्मेषी विचारों का समावेश
दिल्ली सरकार के अधिकारी ने बताया कि अन्य नवोन्मेषी विचारों में लैंप पोस्ट, पार्किंग स्थल और पेट्रोल स्टेशनों का उपयोग चार्जिंग साइट और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने में किया जाएगा। इसके साथ ही, फास्ट चार्जिंग फंक्शन और पब्लिक वाई-फाई को मिलाकर “स्मार्ट पोल” की अवधारणा भी जल्द ही दिल्ली में साकार हो सकती है। इन विचारों पर जून में जलवायु परिवर्तन पर दिल्ली की राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में चर्चा की गई थी, और इसे जलवायु परिवर्तन पर सरकार की नई कार्ययोजना में भी शामिल किए जाने की संभावना है।
सौर ऊर्जा और वर्टिकल फॉरेस्ट
सौर ऊर्जा से चलने वाले ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और वर्टिकल फॉरेस्ट का कार्यान्वयन दिल्ली सरकार के योजना का हिस्सा होगा। वर्टिकल फॉरेस्ट या ऊर्ध्वाधर जंगलों का उद्देश्य घने वनस्पतियों से घिरे आवासीय टावरों की अवधारणा को बढ़ावा देना है, जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।
वाहन-से-ग्रिड (V2G) तकनीक
सरकार राष्ट्रीय राजधानी में वाहन-से-ग्रिड (V2G) तकनीक लागू करने की संभावना भी तलाश रही है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी से ऊर्जा को वापस पावर ग्रिड में भेजती है, जिससे ऊर्जा उत्पादन और खपत में संतुलन स्थापित होता है।
गर्मी-परावर्तक पेंट और शून्य-उत्सर्जन बसें
दिल्ली सरकार इनडोर तापमान को कम करने के लिए छतों को सफेद गर्मी-परावर्तक पेंट से रंगने के अभियान की भी योजना बना रही है। यह प्रयास अत्यधिक गर्मी के दौरान संवेदनशील आबादी पर प्रभाव को कम करने के लिए किया जा रहा है।
इलेक्ट्रिक बस
दिल्ली सरकार 2035-2040 तक शून्य-उत्सर्जन बस बेड़े में पूर्ण परिवर्तन पर विचार कर रही है। वर्तमान में, दिल्ली में 1,650 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जो सभी भारतीय शहरों में सबसे अधिक है। सरकार का लक्ष्य 2025 के अंत तक दिल्ली में 8,000 से ज़्यादा ई-बसें चलाना है।
सरकार की नई कार्ययोजना, जिसमें इन सभी नवाचारों और उपायों को शामिल किया जाएगा, एक स्थायी और पर्यावरण अनुकूल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है और इसके लिए ठोस कदम उठा रही है।
इस प्रकार, इन उपायों के माध्यम से, दिल्ली के नागरिकों को एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण मिलेगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करेगा।
Source and data – dainik jagran