नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राजधानी में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए एक नई और व्यापक जलवायु कार्य योजना की घोषणा की है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को इस योजना का खुलासा करते हुए बताया कि यह पहल सात महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार को केंद्रित करेगी, जिसमें बिजली, पानी, कूड़ा प्रबंधन, हरित क्षेत्र, परिवहन, स्वास्थ्य, और कृषि शामिल हैं।
विस्तृत योजना का खाका:
सात प्रमुख क्षेत्रों में सुधार: योजना के तहत सरकार द्वारा सात क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में ऊर्जा और बिजली, जल प्रबंधन, कूड़ा प्रबंधन, हरित क्षेत्र, परिवहन, स्वास्थ्य, और कृषि शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य इन क्षेत्रों में हो रहे जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करना है।
विशेषज्ञों से संवाद: योजना की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, विभागीय अधिकारियों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। इस बैठक में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और उपायों पर गहन चर्चा की गई। बैठक के दौरान एक मसौदा नीति तैयार की गई, जिस पर गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें 40 से अधिक विभिन्न संस्थानों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
जलवायु परिवर्तन के स्रोतों की पहचान: दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के प्रमुख स्रोतों की पहचान की जाएगी, और इसके लिए एक व्यापक नीति तैयार की जाएगी। इस नीति में ऊर्जा दक्षता, शहरी नियोजन, जल संरक्षण, वन और जैव विविधता संरक्षण, परिवहन में सुधार, कृषि और स्वास्थ्य प्रबंधन के उपाय शामिल होंगे।
पिछली नीति में बदलाव: पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार ने जलवायु परिवर्तन नीति 2019 में संशोधन के लिए एक कोर ग्रुप का गठन किया है। इस ग्रुप द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर मुख्य सचिव अंतिम निर्णय लेंगे।
सहयोग और अनुसंधान: केंद्र सरकार इस नीति के निर्माण में जर्मन तकनीकी सहयोग समूह (GIZ) के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, साथ ही IIT दिल्ली और TERI जैसे प्रमुख संस्थानों का भी सहयोग प्राप्त है।
जलवायु संकट:
इस साल दिल्ली ने भीषण गर्मी और रिकॉर्ड बारिश का सामना किया है, जिसने शहर के पर्यावरणीय संतुलन को प्रभावित किया है। वायु प्रदूषण की समस्या भी लगातार गंभीर बनी हुई है। इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार की नई जलवायु कार्य योजना अत्यंत आवश्यक है, जो न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान करेगी, बल्कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेगी।
दिल्ली सरकार की यह नई जलवायु कार्य योजना राजधानी की पर्यावरणीय स्थिति को सुधारने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। योजना के सफल कार्यान्वयन से दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों में कमी आएगी और यह अन्य शहरी केंद्रों के लिए एक आदर्श मॉडल हो सकता है। इस पहल के माध्यम से दिल्ली में पर्यावरणीय स्थिरता और जीवन गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।
Source- दैनिक जागरण