हर साल की तरह इस बार भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में अक्टूबर के मध्य से लेकर नवंबर तक जहरीली हवा की समस्या गहराने वाली है। मुख्य कारणों में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं हैं, जो वायु प्रदूषण को खतरनाक स्तर तक पहुंचा सकती हैं। इस वर्ष, अब तक पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। पिछले साल सितंबर में जहां पराली जलाने की 50 घटनाएं सामने आई थीं, इस साल यह संख्या 120 तक पहुंच गई है।
पराली का धुआं बनेगा प्रमुख कारण
17 अक्टूबर से NCR की हवा में पराली जलाने से उत्पन्न धुआं मिलना शुरू हो जाएगा, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ेगा। मौसम के मिजाज में बदलाव के साथ प्रदूषण बढ़ने की संभावना है, जो 17 नवंबर तक गंभीर स्थिति में बनी रह सकती है। दिवाली के समय वायु गुणवत्ता सबसे खराब हो सकती है, क्योंकि पराली के धुएं के साथ पटाखों का धुआं भी मिल जाता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।
सरकार ने जारी किया अलर्ट
पिछले सालों के अनुभव को देखते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को अलर्ट किया है। मंत्रालय ने इन राज्यों से पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त अंकुश लगाने और स्थानीय स्तर पर वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है।
पराली का योगदान केवल 40%, बाकी प्रदूषण के अन्य स्रोत
हालांकि, पराली जलाने से उत्पन्न धुआं NCR के वायु प्रदूषण में लगभग 40% का योगदान देता है। बाकी 60% प्रदूषण वाहनों से निकलने वाले धुएं, निर्माण कार्यों और सड़कों से उड़ने वाली धूल से आता है। हर साल इस प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब हो जाती है, जिससे लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है।
वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी
हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा की अध्यक्षता में राज्यों के मुख्य सचिवों और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई। इसमें वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए योजनाएं बनाई गईं। हालांकि, इन सभी योजनाओं के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं तेज गति से जारी हैं, खासकर पंजाब में।
अभी साफ है NCR की हवा
फिलहाल, NCR की हवा की गुणवत्ता सामान्य और साफ बनी हुई है, लेकिन मौसम के बदलते मिजाज और पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के कारण जल्द ही प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
हर साल की तरह इस साल भी NCR में वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है। इसके प्रमुख कारण पराली जलाने और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोत हैं। सरकार द्वारा तमाम प्रयासों के बावजूद वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अब तक ठोस नतीजे देखने को नहीं मिले हैं। दिवाली के बाद स्थिति और बिगड़ सकती है, जिससे बचने के लिए जल्द ही सख्त और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। हालांकि, सरकार और विभिन्न एजेंसियों द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण अब तक संभव नहीं हो सका है। यदि जल्द ही ठोस और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो दिवाली के समय प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने की पूरी संभावना है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा।