चक्रवात और उसके प्रभाव तथा चक्रवाती तूफान ‘असना’

saurabh pandey
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चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) एक तीव्र और घातक मौसमीय घटना है, जो उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उत्पन्न होती है। इसे आमतौर पर “चक्रवात” के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकार के तूफान में हवा का दबाव केंद्र में बहुत कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप आसपास की हवा तेजी से केंद्र की ओर खिंचती है और घूर्णन करती है। यह घूर्णन हवा की गति को और तेज़ कर देता है, जिससे चक्रवात की विनाशकारी शक्ति बढ़ जाती है।

चक्रवात के घटक

  • हवा की गति: चक्रवात में हवा की गति 74 मील प्रति घंटा (119 किलोमीटर प्रति घंटा) या उससे अधिक हो सकती है। इसे श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जो उसकी तीव्रता और क्षति की संभावना को दर्शाती हैं।
  • बारिश: चक्रवाती तूफान भारी वर्षा लाते हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • लहरें और तूफानी सैलाब: चक्रवात से उत्पन्न समुद्री लहरें तटवर्ती इलाकों में भारी तबाही मचा सकती हैं। तूफानी सैलाब (Storm Surge) समुद्र के जल स्तर को असामान्य रूप से ऊँचा कर सकता है, जिससे निचले तटीय इलाकों में बाढ़ आ जाती है।

चक्रवातों का नामकरण

चक्रवातों का नामकरण विश्व मौसम संगठन (WMO) द्वारा किया जाता है। प्रत्येक महासागर के लिए नामों की एक सूची होती है, जो विभिन्न देशों द्वारा सुझाए गए होते हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय महासागर क्षेत्र के चक्रवातों के नामकरण में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, और अन्य क्षेत्रीय देश शामिल होते हैं।

प्रभाव

चक्रवाती तूफान व्यापक पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं। इनसे जान-माल का नुकसान, बाढ़, बिजली और संचार का ठप हो जाना, और कृषि पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इनसे बचाव के लिए पहले से चेतावनी जारी की जाती है और तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाता है।

भारत में, चक्रवाती तूफान मुख्य रूप से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उत्पन्न होते हैं, और पूर्वी और पश्चिमी तटवर्ती राज्यों को प्रभावित करते हैं।

चक्रवाती तूफान असना

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि चक्रवाती तूफान ‘असना’ अगले 24 घंटे में भारतीय तट से दूर चला जाएगा। बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिमी इलाकों में बना कम दबाव का क्षेत्र अब डिप्रेशन में बदल गया है और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। चक्रवात उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम अरब सागर के ऊपर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और एक सितंबर की सुबह तक यह विकराल रूप धारण कर सकता है।

चक्रवात की प्रगति और मौजूदा स्थिति

मौसम विभाग के अनुसार, पाकिस्तान के तट से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान ‘असना’ पिछले छह घंटों में 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ गया है। यह गुजरात के नलिया से 310 किमी पश्चिम, कराची से 200 किमी दक्षिण-पश्चिम और मस्कट से 760 किमी पूर्व में स्थित है।

बारिश और तूफानी हवाओं का असर

कम दबाव के क्षेत्र के डिप्रेशन में तब्दील होने से ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। चक्रवात के चलते पाकिस्तान, सौराष्ट्र और कच्छ के तटों पर तूफानी हवाओं की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई है। अरब सागर के ऊपर भी 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं, जो धीरे-धीरे कम होंगी।

मछुआरों को चेतावनी और संभावित नुकसान

मौसम विभाग ने मछुआरों को अरब सागर के उत्तरी और मध्य हिस्सों में जाने से मना किया है, क्योंकि वहां तूफानी हवाओं और भयंकर समुद्री लहरों की आशंका है। इसके अलावा, तूफान के कारण सड़कों पर जलभराव, यातायात बाधित होने और फसलों को नुकसान होने की भी संभावना जताई गई है। किसानों को फसलों के बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।

चक्रवाती तूफान ‘असना’ अगले 24 घंटों में भारतीय तट से दूर चला जाएगा, लेकिन इसके प्रभाव से तटीय इलाकों में भारी बारिश और तूफानी हवाओं का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी और सलाह का पालन कर प्रभावित क्षेत्रों के लोग सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

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