दिल्ली में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पटाखों के इस्तेमाल से सर्दियों में वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर भी पाबंदी
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पटाखों की बिक्री और डिलीवरी पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली की हवा को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद बनाए रखा जाए।
भाजपा ने जताई नाराजगी
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पटाखों पर प्रतिबंध की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने यह फैसला बिना किसी वैज्ञानिक आधार के लिया है। उनका कहना है कि पराली और धूल के जलने से प्रदूषण बढ़ता है, न कि कुछ घंटे पटाखे जलाने से। उन्होंने याद दिलाया कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ग्रीन पटाखों का समर्थन किया था, लेकिन अब सरकार उससे भी पीछे हट गई है।
प्रदूषण के खिलाफ सरकार का कदम
गोपाल राय ने कहा कि सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार का यह कर्तव्य है कि वह लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए। पटाखों पर प्रतिबंध का उद्देश्य हवा की गुणवत्ता को नियंत्रित करना है ताकि नागरिकों को शुद्ध हवा मिल सके।
पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला दिल्ली सरकार की वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि, इस पर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों की सफलता सरकार की सख्ती और जनता के सहयोग पर निर्भर करेगी।
दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का मुख्य उद्देश्य सर्दियों के दौरान बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। सरकार का मानना है कि पटाखों से उत्पन्न धुआं हवा की गुणवत्ता को और खराब कर सकता है, इसलिए यह कदम एहतियाती उपाय के रूप में उठाया गया है। हालांकि, राजनीतिक दलों और कुछ वर्गों द्वारा इस प्रतिबंध की आलोचना की गई है, जिसमें तर्क दिया गया है कि पराली और धूल जलाने से अधिक प्रदूषण फैलता है।
सरकार और जनता के बीच समन्वय आवश्यक है ताकि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास प्रभावी हो सकें। अंततः, यह प्रतिबंध तभी सफल होगा जब नागरिक जागरूकता दिखाएं और वैकल्पिक तरीकों से त्योहार मनाने का संकल्प लें, ताकि दिल्ली की हवा स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद बनी रहे।