जलवायु परिवर्तन: तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि

saurabh pandey
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हाल के वर्षों में, जलवायु परिवर्तन ने उष्णकटिबंधीय तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते महासागरीय तापमान और वायुमंडल में नमी की वृद्धि इन तूफानों को शक्तिशाली बनाने में प्रमुख भूमिका निभा रही है। इस साल फ्लोरिडा में तूफान मिल्टन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कितना गंभीर हो सकता है।

तूफान मिल्टन की कहानियां

9 अक्टूबर 2023 को, तूफान मिल्टन ने फ्लोरिडा के पश्चिमी तट पर हमला किया, जिसमें हवा की गति 179 से 208 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई। यह श्रेणी-3 का तूफान, जिस पर उच्चतम श्रेणी की चेतावनी जारी की गई थी, भारी बारिश के साथ आया और इसके परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया, और प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज किया।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों का तापमान लगातार बढ़ रहा है। समुद्र की गर्मी वाष्पित होने वाले पानी की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे तूफानों को अधिक ऊर्जा मिलती है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात अधिक जल वाष्प का अवशोषण करते हैं, जिससे उनकी गति और तीव्रता बढ़ती है। ट्रॉपिकल साइक्लोन रिसर्च एंड रिव्यू पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, 2023-2024 में उष्णकटिबंधीय तूफानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने भी इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है। NOAA का कहना है कि महासागरीय सतह का गर्म होना और जेट स्ट्रीम की गतिविधियाँ इन तूफानों को और भी अधिक प्रचंड बनाती हैं। जेट स्ट्रीम, जो तेज हवाओं की संकरी पट्टियाँ हैं, तूफानों के मार्ग को प्रभावित करती हैं और उन्हें तेज करने में मदद करती हैं।

स्थानीय निवासियों की चिंताएं

फ्लोरिडा के कई निवासी इस बढ़ती गंभीरता के प्रति चिंतित हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि वे हर साल तूफान की तैयारी करते हैं, लेकिन अब तूफान की तीव्रता में निरंतर वृद्धि उन्हें और भी चिंतित कर रही है। “हमने देखा है कि तूफान अब पहले से कहीं अधिक शक्तिशाली हो गए हैं। हर बार जब एक तूफान आता है, तो हमें यह चिंता होती है कि यह हमारी संपत्ति और जीवन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।

आगे की राह

इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हरित गृह गैसों के उत्सर्जन और वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ गहरा होता जा रहा है। सरकारों और संगठनों को इस समस्या का समाधान करने के लिए गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने और इससे निपटने के लिए अधिक शोध और नीति निर्माण की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसे खतरनाक तूफानों को कम किया जा सके।

जलवायु परिवर्तन ने हमारे वातावरण को बदल दिया है, जिससे तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। यह आवश्यक है कि हम सभी इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें और आवश्यक कदम उठाएं, ताकि हम अपने समाज और पर्यावरण की सुरक्षा कर सकें। इस विषय पर जागरूकता फैलाना और समाधान खोजने के लिए एकजुट होना महत्वपूर्ण है।

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