अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, और इस बार चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है – जलवायु परिवर्तन। चुनाव के दोनों पक्ष, डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी, जलवायु नीतियों को लेकर एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस, जो उपराष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान जलवायु चैंपियन के तौर पर जानी जाती थीं, इस बार जलवायु संबंधी बयानों पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी चुप्पी के बावजूद, ग्रीन लीडर्स को अब तक कोई शिकायत नहीं है। वे मानते हैं कि कमला हैरिस सही समय पर इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगी।
बाइडन का जलवायु एजेंडा
वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने जलवायु परिवर्तन को अपने चुनावी एजेंडे का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है। उन्होंने अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े स्वच्छ ऊर्जा निवेश कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके विपरीत, कमला हैरिस ने अभी तक अपनी जलवायु योजना का विस्तार से खुलासा नहीं किया है, जिससे पर्यावरण कार्यकर्ताओं में चिंता बढ़ गई है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कमला हैरिस का जलवायु परिवर्तन पर चुप्पी साधे रहना एक रणनीति हो सकती है। पेंसिल्वेनिया जैसे स्विंग राज्य में, जहां ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जीवाश्म ईंधन पर लगाम लगाने के मुद्दों पर मतदाताओं का विभाजन हो सकता है, वहां जलवायु पर सख्त रुख अपनाने से नुकसान हो सकता है।
कमला हैरिस और उनके समर्थक
कमला हैरिस के समर्थकों का मानना है कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रति समर्पित हैं। उपराष्ट्रपति के रूप में उन्होंने मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम के लिए टाईब्रेकिंग वोट डाला, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा जलवायु निवेश है। कैलिफोर्निया से सीनेटर के रूप में, उन्होंने ग्रीन न्यू डील को प्रायोजित किया था, हालांकि उन्होंने अपने मौजूदा अभियान में इस पर खुलकर बात नहीं की है।
जलवायु परिवर्तन को लेकर कमला हैरिस की रणनीति और उनकी चुप्पी के बावजूद, डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक और पर्यावरण कार्यकर्ता उन्हें अभी भी एक प्रभावशाली नेता मानते हैं, जो सही समय पर सही निर्णय लेंगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जलवायु परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। जहां एक तरफ जो बाइडन ने इसे अपने एजेंडे का प्रमुख हिस्सा बनाया है, वहीं दूसरी ओर कमला हैरिस ने अभी तक अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं किया है। लेकिन विशेषज्ञों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मानना है कि सही समय पर कमला हैरिस जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ठोस कदम उठाएंगी, और यही बात उन्हें रिपब्लिकन पार्टी के मुकाबले एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।
Source- down to earth