बढ़ते प्रदूषण के कारण मुख्य न्यायाधीश ने बंद की सुबह की सैर

saurabh pandey
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को बढ़ते वायु प्रदूषण पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि खराब वायु गुणवत्ता के चलते अब उन्होंने 24 अक्टूबर से अपनी सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि आमतौर पर वह सुबह 4 से 4:15 बजे के बीच सैर पर जाते थे, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद अब घर के अंदर ही रहना उचित समझा है।

प्रदूषण से स्वास्थ्य पर खतरा

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें वायु प्रदूषण से बचने के लिए घर के अंदर रहने की सलाह दी है, क्योंकि बढ़ता प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान अपनी चिंताओं को व्यक्त किया।

पत्रकारों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं

मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट को कवर करने वाले पत्रकारों के लिए कुछ अहम सुविधाओं की भी घोषणा की। उन्होंने मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए कानूनी डिग्री की अनिवार्यता को खत्म करने का निर्णय लिया और कहा कि अब पत्रकारों को सुप्रीम कोर्ट परिसर में अपने वाहन पार्क करने की सुविधा भी दी जाएगी।

डिजिटलीकरण पर जोर

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के डिजिटलीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही, न्यायिक अभिलेखों और प्रक्रियाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के प्रयास भी जारी हैं।

सेवानिवृत्ति के बाद आराम करेंगे

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, जो भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश हैं, 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों के लिए आराम करने की योजना बना रहे हैं।

एनसीआर में वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार

गुरुवार को एनसीआर में हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण स्तर में थोड़ा सुधार हुआ। हालांकि, दिल्ली का AQI 306 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले 364 था। बावजूद इसके, दिल्ली का एक्यूआई अभी भी बहुत खराब श्रेणी में है।

प्रमुख क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)

  • द्वारका: 500
  • रोहिणी: 500
  • आनंद विहार: 500
  • आईजीआई एयरपोर्ट: 500
  • नेहरू नगर: 500

अन्य एनसीआर शहरों जैसे नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर रही, जहां AQI “खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया।

प्रदूषण पर स्काईमेट का विश्लेषण

स्काईमेट वेदर के महेश पलावत ने बताया कि गुरुवार को हवा की गति बढ़ने से प्रदूषकों के छितराव में मदद मिली, जिससे AQI में सुधार हुआ। उस दिन हवा की गति 16 किमी प्रति घंटे तक दर्ज की गई, जिससे वायु प्रदूषण के प्रभाव कुछ हद तक कम हुए।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने न केवल आम लोगों बल्कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जैसे वरिष्ठ व्यक्तियों को भी प्रभावित किया है। बढ़ती प्रदूषण की समस्या स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन रही है, जिससे बचाव के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए केवल हवा की गति पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। सरकारों और स्थानीय निकायों को मिलकर स्थायी समाधान तलाशने होंगे ताकि नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे और उन्हें प्रदूषण से राहत मिल सके।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता वायु प्रदूषण अब सिर्फ पर्यावरणीय संकट नहीं बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य आपातकाल बन चुका है। इससे न केवल आम नागरिक बल्कि प्रमुख हस्तियां, जैसे मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, भी प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह के कारण उन्होंने सुबह की सैर छोड़ दी, जो यह दर्शाता है कि वायु प्रदूषण का प्रभाव हर स्तर पर महसूस किया जा रहा है।

हवा की गुणवत्ता में अस्थायी सुधार हवा की गति बढ़ने के कारण संभव हुआ, लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं है। सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और स्थानीय निकायों को दीर्घकालिक नीति पर काम करना होगा ताकि नागरिकों को स्वच्छ वातावरण में जीने का अधिकार मिल सके।

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाना अनिवार्य है, क्योंकि केवल तात्कालिक सुधार पर्याप्त नहीं होंगे। स्वास्थ्य, पर्यावरण और प्रशासनिक संस्थानों के समन्वित प्रयासों से ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है, ताकि दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा फिर से सांस लेने लायक बन सके।

photo source- social media

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