नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में वन्यजीवों के आहार में बड़ा बदलाव किया गया है। अब उन्हें औषधीय गुणों से भरपूर कंद, मूल और फल भी दिए जाएंगे। यह पहली बार है कि वन्यजीवों के आहार में इस तरह के प्राकृतिक उत्पाद शामिल किए गए हैं। इनमें बांकाखजूर, जंगल जलेबी, गूलर, बरगद के बीज, त्रिफला, कैत, बेल, पियार, आंवला, वेर, चिरौंजी, महुआ और करौंदा जैसे जंगली फल शामिल हैं।
देशी प्रजातियों के पौधों को बढ़ावा
चिड़ियाघर में रहने वाले वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वन्यजीवों को जंगल जैसा माहौल देना जरूरी है। इससे वे स्वस्थ रहेंगे और उनका भोजन भी अच्छा रहेगा। फिलहाल, चिड़ियाघर के अंदर लगे पेड़ों से जंगली फल दिए जा रहे हैं। जल्द ही बाहर से भी इनकी व्यवस्था की जाएगी।
डॉ. संजीत कुमार, निदेशक, चिड़ियाघर ने बताया, “वन्यजीवों को जंगली फलों और औषधीय गुणों से भरपूर अतिरिक्त भोजन दिया जा रहा है। यह विशेष पहल का हिस्सा है।”

विशेष अभियान
चिड़ियाघर प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में यहां देशी प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे, जिससे यहां का वातावरण वन्यजीवों के अनुकूल बना रहेगा। इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। बरसात का मौसम नजदीक है, ऐसे में इन पौधों को लगाया जाएगा।
वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर प्रभाव
वन्यजीवों को उनकी पसंद के जंगली फल उपलब्ध कराना जरूरी है। तोते को गूलर और हिरण प्रजाति के हिरणों को त्रिफला पसंद होता है। ऐसे में उन्हें यह दिया जा रहा है। अभी तक वन्यजीवों को मौसम के हिसाब से आहार दिया जाता था, जिसमें शाकाहारी जानवरों को गर्मियों में तरबूज, खीरा, हरी पत्तियां आदि दी जाती थीं, ताकि उनके शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे।
वन्यजीवों के नए आहार की सूची
- बांकाखजूर
- जंगल जलेबी
- गूलर
- बरगद के बीज
- त्रिफला
- कैत
- बेल
- पियार
- आंवला
- वेर
- चिरौंजी
- महुआ
- करौंदा
इस नई पहल से चिड़ियाघर में रहने वाले वन्यजीवों के स्वास्थ्य में सुधार होने की उम्मीद है और उन्हें एक प्राकृतिक और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जा सकेगा।
सौरभ पाण्डेय
Prakritiwad.com
Source- अमर उजाला