केंद्र सरकार ने गंगा नदी की सफाई के लिए चलाए जा रहे नमामि गंगे मिशन के लिए इस साल बजट में 945 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है। यह निर्णय गंगा के प्रदूषण पर लगाम लगाने और नदी की पारिस्थितिकी को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है। मौजूदा बजट में इस मिशन के लिए कुल 3,345 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के 2,400 करोड़ रुपये से काफी अधिक है।
जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत सीआर पाटिल ने हाल ही में नमामि गंगे मिशन की समीक्षा की और इसके क्रियान्वयन में नए तरीके अपनाने की सलाह दी। इस मिशन के तहत अब तक 25 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, और अधिकारियों ने इस योजना के तहत चार मुख्य क्षेत्रों में सुधार का दावा किया है – प्रदूषण स्तर में कमी, नियंत्रित प्रदूषण वाले क्षेत्रों की संख्या में वृद्धि, नदियों की पारिस्थितिकी में सुधार, और नदियों में सीधे प्रवाहित होने वाले दूषित पानी में कमी।
इस बजट में अटल भूजल योजना और पीएम कृषि सिंचाई योजना के लिए भी अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। अटल भूजल योजना के लिए 1,778 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि पीएम कृषि सिंचाई योजना के लिए 9,339 करोड़ रुपये की भारी वृद्धि की गई है। यह वृद्धि जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और पानी के उपयोग को अधिक प्रभावी बनाने के लिए की गई है।
जल संसाधन, नदी विकास, और गंगा पुनरोद्धार के लिए कुल बजट में 55 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल 19.50 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जबकि इस बार यह राशि 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। इस मिशन के तहत, केंद्र सरकार ने 14 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से पानी पहुंचाने का भी दावा किया है, जो कि जल संकट की समस्या को हल करने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
Source and data – दैनिक जागरण