उत्तर भारत में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर ने एक बार फिर सरकारों की नींद उड़ा दी है। प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश का प्रस्ताव केंद्र को सौंपा था, जिसे अब केंद्र सरकार ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को हुई एक अहम बैठक के बाद यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकती है। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र यादव, और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
आने वाले 15 दिन होंगे अहम
गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण से निपटने के लिए अगले 15 दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगर अब ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।”
बैठक में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने पर भी चर्चा हुई। राय ने अपील की कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पटाखों पर सख्त पाबंदियां लगाई जाएं, ताकि दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर खराब श्रेणी में पहुंची
शनिवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 255 रिकॉर्ड किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। देर शाम हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ने लगा। आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका जैसे इलाकों में AQI 300 से ऊपर पहुंच गया, जिससे ये इलाके बेहद खराब श्रेणी में आ गए।
CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगले तीन दिनों में वायु गुणवत्ता और बिगड़ सकती है। रविवार से हवा की गति धीमी रहने का अनुमान है, जिससे प्रदूषक कण वातावरण में अधिक समय तक बने रहेंगे।
वाहनों और उद्योगों से प्रदूषण में योगदान
प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में वाहनों से निकलने वाला धुआं 14.80 प्रतिशत है। इसके अलावा, कारखानों से होने वाले उत्सर्जन का योगदान 3.54 प्रतिशत दर्ज किया गया। दिवाली के दौरान पटाखों का धुआं भी वायु प्रदूषण को खतरनाक स्तर तक ले जाता है।
प्रमुख शहरों का AQI (अक्टूबर 2024):
- दिल्ली: 255
- गाजियाबाद: 256
- नोएडा: 209
- ग्रेटर नोएडा: 232
- गुरुग्राम: 146
- फरीदाबाद: 170
प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील
गोपाल राय ने केंद्र और NCR के राज्यों से पटाखों पर प्रतिबंध और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। उनका कहना था कि दिवाली के समय बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़ने से हवा में PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषकों की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है।
दिल्ली सरकार ने सभी राज्यों से संयुक्त प्रयास करने की अपील की है, ताकि प्रदूषण के संकट से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बारिश का प्रस्ताव केंद्र की मंजूरी के बाद जल्द से जल्द लागू किया जाएगा, ताकि हवा में फैले प्रदूषकों को नीचे बैठाया जा सके।
विपक्ष के हमलों पर गोपाल राय का पलटवार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा द्वारा यमुना में प्रदूषण को लेकर किए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपाल राय ने कहा, “भाजपा केवल नाटक कर रही है, लेकिन हम समस्या का वास्तविक समाधान ढूंढने में लगे हैं। यमुना में डुबकी लगाने से प्रदूषण खत्म नहीं होगा।” राय ने दावा किया कि दिल्ली सरकार जल और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार काम कर रही है।
कृत्रिम बारिश: उम्मीद की नई किरण
प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार की कृत्रिम बारिश की पहल को बड़ी सफलता माना जा रहा है। यह तकनीक उन इलाकों में उपयोग की जाती है, जहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। कृत्रिम बारिश में सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव करके बादलों को बरसने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे हवा में मौजूद प्रदूषक कण धरती पर बैठ जाते हैं और वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है।
संयुक्त प्रयास की जरूरत
दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण एक जटिल समस्या है, जिसका समाधान केवल एक सरकार के प्रयास से नहीं हो सकता। वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, उद्योगों से निकलने वाले धुएं, पटाखों, और पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ा नियंत्रण जरूरी है। केंद्र सरकार द्वारा कृत्रिम बारिश के प्रस्ताव पर सहमति सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे प्रभावी बनाने के लिए सभी राज्यों को मिलकर काम करना होगा।
आने वाले 15 दिन इस संकट से निपटने के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। सरकार की योजनाओं के साथ-साथ लोगों की जागरूकता भी प्रदूषण कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।