हाल के वर्षों में जिम में कसरत करते या किसी उत्सव में नाचते-गाते लोगों की अचानक मृत्यु के मामले बढ़े हैं। इस पर चर्चा करते हुए एम्स में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फार्माकोलॉजी सम्मेलन में विशेषज्ञों ने हृदय गति रुकने (कार्डियक अरेस्ट) के प्रमुख कारणों को उजागर किया। डॉक्टरों ने बताया कि कैटेकोलामाइंस हार्मोन और ऑक्सीडेटिव तनाव अचानक हृदय गति रुकने की प्रमुख वजहें हैं।
कैटेकोलामाइंस: लाभ और हानि का संतुलन
कैटेकोलामाइंस, एक प्रकार का स्ट्रेस हार्मोन है, जो शारीरिक मेहनत या तनाव के दौरान सक्रिय होता है। एम्स के फार्माकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. डीएस आर्य ने बताया कि यह हार्मोन हृदय की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। लेकिन जब यह लंबे समय तक सक्रिय रहता है, तो ऑक्सीडेटिव प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे फ्री रेडिकल्स और एड्रेनोक्रोम जैसे उत्पाद बनते हैं। ये उत्पाद हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और गंभीर मामलों में कार्डियक अरेस्ट का कारण बनते हैं।
कैंसर और हृदय रोग के बीच संबंध
सम्मेलन में इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज के निदेशक डॉ. एनएस ढल्ला ने बताया कि कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली कीमोथैरेपी भी हृदय को नुकसान पहुंचा सकती है। आंकड़ों के अनुसार, 80% कैंसर रोगी हृदय गति रुकने से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। वहीं, कार्डियक अरेस्ट से मरने वालों में 35-40% मरीज शामिल होते हैं।
दवा विकास में भारत की चुनौतियां
डॉक्टरों ने भारत में दवा विकास के क्षेत्र में शोध की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की। आयोजन समिति के सचिव डॉ. हरलोकेश नारायण यादव ने कहा कि देश में विदेशों से आयातित दवाओं पर अत्यधिक निर्भरता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को शोध के लिए अधिक बजट आवंटित करना चाहिए और भारत में विकसित दवाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
नैनो मेडिसिन: चिकित्सा का नया युग
सम्मेलन में नैनो मेडिसिन पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि हल्दी जैसे प्राकृतिक पदार्थों से नैनो पार्टिकल तैयार कर कैंसर और अन्य बीमारियों का इलाज संभव है। नैनो मेडिसिन त्वचा संबंधी समस्याओं में भी कारगर हो सकती है। हालांकि, प्रोफेसर डॉ. डीपी आर्य ने बताया कि नैनो पार्टिकल्स के जरिए दवा को शरीर के प्रभावित हिस्से तक पहुंचाने में अब भी चुनौतियां हैं।
अचानक हृदय गति रुकने की समस्या से निपटने के लिए गहन शोध और जागरूकता आवश्यक है। भारत में दवा विकास को बढ़ावा देने और नई तकनीकों जैसे नैनो मेडिसिन को प्रभावी बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। सम्मेलन में विशेषज्ञों ने सरकार और शोध संस्थानों को इस दिशा में कार्य करने की अपील की, ताकि आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जा सके।