असम की उपजाऊ भूमि में उगाई जाने वाली ‘कैंडी लीफ’ (Stevia rebaudiana Bertoni), जिसे आम भाषा में मीठा पत्ता, शुगर लीफ या मीठी तुलसी भी कहा जाता है, प्राकृतिक मिठास और औषधीय गुणों से भरपूर है। कैंडी लीफ का उपयोग न केवल चीनी के विकल्प के रूप में किया जाता है, बल्कि यह डायबिटीज, ऑटोइम्यून रोग, उच्च रक्तचाप और कई अन्य बीमारियों के इलाज में भी प्रभावी है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और औषधीय गुण
स्टीविया में पाए जाने वाले सक्रिय तत्व सेलुलर सिग्नलिंग तंत्र पर असर डालते हैं, जो एंडोक्राइन, मेटाबॉलिक और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी बीमारियों के उपचार में मददगार साबित होते हैं। गुवाहाटी स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IASST) के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि यह पौधा सूजन और ऑटोइम्यून बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करता है।
प्रोटीन किनेज सी (PKC) नामक एंजाइम के फॉस्फोराइलेशन को रोककर स्टीविया सूजन से जुड़ी समस्याओं को कम करता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों और रुमेटॉइड गठिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों का उपचार संभव है। यह अध्ययन स्टीविया की मधुमेह (टाइप 1 और टाइप 2), प्री-डायबिटीज, क्रोनिक किडनी रोग और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं में भी उपयोगी होने के संकेत देता है।
प्राकृतिक मिठास का स्रोत
स्टीविया की पत्तियों से निकाला गया रस चीनी से लगभग 300 गुना ज्यादा मीठा होता है, जबकि इसमें कैलोरी न के बराबर होती है। ताजे पत्तों में हल्का मुलेठी जैसा स्वाद होता है, और यह चीनी के विकल्प के रूप में कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में प्रयोग किया जा सकता है।
व्यापक उपयोग और निर्यात
असम के किसान बड़ी मात्रा में स्टीविया का उत्पादन और निर्यात करते हैं, जिससे यह राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है। भारत सरकार के पूर्वोत्तर परिषद ने भी स्टीविया की बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी खेती को बढ़ावा दिया है। मीठा पात का उपयोग सॉफ्ट ड्रिंक्स, पेस्ट्री, अचार, तंबाकू उत्पाद, जैम, शरबत, दही और च्यूइंग गम जैसे उत्पादों में बड़े पैमाने पर हो रहा है।
स्टीविया का वैज्ञानिक महत्व
अध्ययन में यह भी पाया गया कि स्टीविया के सक्रिय अणु एमपीके (MPK) के साथ गहन रूप से क्रिया करते हैं, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। यह शोध फ़ूड बायोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और इसमें स्टीविया के कई नए औषधीय पहलुओं को उजागर किया गया है, जिनका उपयोग अब तक व्यापक रूप से नहीं किया गया था।
कैंडी लीफ के फायदे और संभावनाएं
- डायबिटीज: टाइप 1, टाइप 2, और प्री-डायबिटीज में उपयोगी
- ऑटोइम्यून रोग: रुमेटॉइड गठिया और अन्य दीर्घकालिक सूजन से राहत
- हृदय संबंधी रोग: उच्च रक्तचाप और वैस्कुलोपैथी में लाभकारी
- किडनी रोग: क्रोनिक किडनी रोग के उपचार में सहायक
- प्राकृतिक शर्करा विकल्प: सॉफ्ट ड्रिंक्स, जैम, और अन्य खाद्य पदार्थों में चीनी के स्थान पर इस्तेमाल
असम में पाई जाने वाली ‘कैंडी लीफ’ न केवल प्राकृतिक मिठास का बेहतरीन स्रोत है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद हैं, जो डायबिटीज और ऑटोइम्यून बीमारियों जैसी जटिल समस्याओं के इलाज में सहायक हो सकते हैं। इसका उत्पादन और निर्यात न केवल असम की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि यह प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खोल रहा है।