ब्राजील: गंभीर सूखा और अनियंत्रित आग का कहर

saurabh pandey
5 Min Read

ब्राजील इस समय अपनी सबसे खराब सूखा स्थिति का सामना कर रहा है। पिछले सात दशकों में पहली बार, देश के 59% हिस्से में सूखा पड़ रहा है, और अमेज़न बेसिन की नदियों का जल स्तर ऐतिहासिक न्यूनतम पर पहुंच गया है। सूखे की गंभीरता ने अनियंत्रित मानव निर्मित जंगल की आग को बढ़ावा दिया है, जिसने संरक्षित क्षेत्रों को तबाह कर दिया और पूरे क्षेत्र में धुएं का गुबार फैला दिया है, जिससे वायु गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ा है। नेशनल सेंटर फॉर मॉनिटरिंग एंड अर्ली वार्निंग ऑफ नेचुरल डिजास्टर्स की शोधकर्ता एना पाउला कुन्हा ने बताया कि सूखा उत्तर से दक्षिण-पूर्व तक फैला हुआ है, जिससे साओ पाउलो जैसे महानगरीय क्षेत्र में 21 मिलियन लोगों को प्रदूषित हवा में सांस लेना पड़ रहा है।

दक्षिणी कैलिफोर्निया: भीषण आग और उसके खतरनाक प्रभाव

अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया में भीषण जंगल की आग ने 96 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। आग ने इतना व्यापक विनाश किया है कि उसने तूफान जैसा मौसम तंत्र बना दिया है। सैन बर्नार्डिनो नेशनल फॉरेस्ट के किनारे लगी आग ने 6,000 लोगों को खाली करने के लिए मजबूर कर दिया है और हजारों घरों को खतरे में डाल दिया है। अग्निशमन कर्मी 37.7 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में काम कर रहे हैं। कैल फायर के प्रवक्ता रिक कारहार्ट के अनुसार, यह आग दशकों पुराने रिकॉर्ड में पहली बार दर्ज की गई है, और पूरे पश्चिमी अमेरिका में जल रही अन्य जंगली आग में से एक है।

वियतनाम: तूफान ‘यागी’ का विनाशकारी असर

वियतनाम में तूफान ‘यागी’ और उसके बाद की भारी बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिसके कारण 87 लोगों की मौत हो गई है, 70 लोग लापता हैं, और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। यागी वियतनाम में दशकों में आया सबसे शक्तिशाली तूफान था, जो शनिवार को 149 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट से टकराया। स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है और राहत कार्य जारी है।

इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि जलवायु परिवर्तन का असर तेजी से बढ़ रहा है और यह हमारे पर्यावरण और मानव जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। सूखा, आग, और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं अब सामान्य होती जा रही हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक स्तर पर ठोस और त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इन आपदाओं की तीव्रता को कम किया जा सके और मानव जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इन हालिया घटनाओं ने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है। ब्राजील में सूखा और जंगल की आग, दक्षिणी कैलिफोर्निया में भयंकर आग, और वियतनाम में तूफान ‘यागी’ की तबाही ने स्पष्ट कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का प्रभाव व्यापक और गहरा है। इन आपदाओं ने पर्यावरणीय संकट, जनस्वास्थ्य संकट और मानव जीवन के खतरे को और अधिक गंभीर बना दिया है।

इन घटनाओं के संदर्भ में, यह अत्यंत आवश्यक है कि वैश्विक समुदाय तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करे। अनियंत्रित जंगल की आग और सूखा जैसे संकटों को नियंत्रित करने के लिए मजबूत नीतियों और योजनाओं की आवश्यकता है। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम और राहत कार्यों को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और विज्ञान के उपयोग को बढ़ावा देना होगा।

सभी देशों को चाहिए कि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझें और उन्हें कम करने के लिए सहयोग करें। एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास और ठोस उपाय बेहद जरूरी हैं।

Source- amar ujala

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *