देश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी की संभावना है। इसके अलावा, दक्षिण भारत में भी तेज हवाओं और बारिश के कारण हालात बदल सकते हैं।
उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
पश्चिमी विक्षोभ का असर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सबसे ज्यादा देखा जाएगा। इन इलाकों में 15 से 19 जनवरी तक बर्फबारी और बारिश होने के आसार हैं। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे मैदानी इलाकों में भी 15 और 16 जनवरी को गरज के साथ बारिश हो सकती है। राजस्थान के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में भी बारिश की संभावना जताई गई है।
ओलावृष्टि का खतरा
पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में 15 जनवरी को ओलावृष्टि होने की चेतावनी जारी की गई है। किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को नुकसान से बचाने के लिए विशेष एहतियात बरतें।
दक्षिण भारत में तेज हवाओं और बारिश का अनुमान
कोमोरिन क्षेत्र और मन्नार की खाड़ी में एक चक्रवाती प्रसार के कारण तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और केरल में 14 से 16 जनवरी तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इन इलाकों में हवाएं 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। मछुआरों को समुद्र में जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में अगले 24 घंटों के दौरान कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। हालांकि, इसके बाद तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। वहीं, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है।
मध्य और पश्चिम भारत में भी न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। इसके बावजूद राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ठंड का असर अब भी जारी है।
कोहरे का कहर
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कोहरे की चादर बिछी हुई है। दृश्यता कई इलाकों में शून्य तक दर्ज की गई है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। खासतौर पर सुबह और रात के समय ड्राइविंग करते समय सतर्क रहने की जरूरत है।
कृषि और जनजीवन पर प्रभाव
पश्चिमी विक्षोभ का असर खेती पर भी पड़ेगा। ओलावृष्टि और बारिश से रबी की फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग की जानकारी पर ध्यान दें और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं।
मौसम विभाग की सलाह
- किसान: फसलों को ढंकने के लिए उचित उपाय करें।
- यात्री: कोहरे के दौरान ड्राइविंग में सतर्कता बरतें।
- मछुआरे: समुद्र में जाने से बचें।
देश भर में मौसम का बदलाव हर क्षेत्र पर अलग-अलग प्रभाव डाल रहा है। उत्तर भारत में जहां ठंड और बर्फबारी के कारण जनजीवन प्रभावित होगा, वहीं दक्षिण भारत में तेज बारिश और हवाओं से स्थिति चुनौतीपूर्ण बन सकती है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करने की जरूरत है। यह बदलता मौसम एक बार फिर प्रकृति के प्रभाव और मानवीय तैयारी की परीक्षा ले रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती गतिविधियों के कारण देश भर में मौसम में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं। उत्तर भारत में बर्फबारी और बारिश से ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, जबकि दक्षिण भारत में तेज हवाएं और बारिश चुनौतीपूर्ण हालात पैदा कर सकती हैं। किसानों, यात्रियों और आम जनता को मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देने और सुरक्षा उपाय अपनाने की आवश्यकता है। यह मौसम परिवर्तन न केवल जनजीवन पर असर डाल रहा है, बल्कि कृषि, परिवहन और ऊर्जा क्षेत्र पर भी व्यापक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में सतर्कता और पूर्व तैयारी ही मौसम की इन चुनौतियों का सामना करने का सबसे बेहतर तरीका है।