नई दिल्ली के जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, पूरी दुनिया की ट्रिब्यून की दिल्ली को खूबसूरत बनाने के लिए लगाए गए पौधे और झाड़ियां अब भीषण गर्मी में दम तोड़ रही हैं। जैसे ही तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचा, सड़कों की हरियाली सूखकर मुरझाने लगी।
एशियाड में लगाए गए हेजेज और झाड़ियों की गर्मी से सुरक्षा के लिए छायादार व्यवस्था की गई थी, लेकिन कुछ ही दिनों में ये सूखने लगीं। सड़क के किनारे लगाए गए कई पौधे मुरझा गए और सूख गए हैं। एशियाड रोड के किनारे लगाए गए पौधे विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं।
एशियाड रोड के अलावा, नई दिल्ली के अन्य क्षेत्रों जैसे कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, चाणक्यपुरी, राजपथ, और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर लगाए गए पौधे भी भीषण गर्मी से प्रभावित हुए हैं। इन पौधों को जीवित रखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, लेकिन अत्यधिक गर्मी के कारण ये सभी उपाय विफल हो गए।
पौधों और झाड़ियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन दिल्ली में जल संकट की स्थिति के कारण पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके अलावा, गर्मी के कारण मिट्टी में नमी भी तेजी से कम हो रही है, जिससे पौधों का जीवन कठिन हो गया है।
जी-20 सम्मेलन की तैयारियों के तहत लगाए गए इन पौधों पर खर्च किए गए धन और श्रम के बावजूद, ये पौधे भीषण गर्मी के आगे झुक गए हैं। यह समस्या केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है; देश के अन्य हिस्सों में भी गर्मी के कारण पौधों की स्थिति दयनीय हो रही है। इसके समाधान के लिए स्थायी और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।