विश्व वनस्पति दूध दिवस पर पौधों से मिलने वाले दूध के लाभ

saurabh pandey
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विश्व वनस्पति दूध दिवस: 22 अगस्त का महत्व

हर साल 22 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व वनस्पति दूध दिवस (World Plant Milk Day) पौधों पर आधारित दूध के विकल्पों के लाभ और उनकी बढ़ती लोकप्रियता को सम्मानित करता है। यह दिन पारंपरिक डेयरी उत्पादों के बजाय पौधों से प्राप्त दूध के फायदों को उजागर करता है और उपभोक्ताओं को इसके बारे में जागरूक करता है।

पौधों से मिलने वाले दूध के प्रकार

आजकल बादाम, सोया, जई, और नारियल जैसे पौधों से प्राप्त दूध लोकप्रिय विकल्प बन चुके हैं। इन पौधों पर आधारित दूधों का स्वाद अच्छा होता है, इनमें कम वसा होती है, और ये शाकाहारियों के लिए आदर्श होते हैं। इसके अलावा, ये दूध पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और आवश्यक विटामिन और खनिजों की रोजमर्रा की जरूरत पूरी करते हैं।

स्वास्थ्य लाभ

पौधों पर आधारित दूध लैक्टोज मुक्त होता है, जो इसे गाय के दूध का एक बेहतरीन विकल्प बनाता है। यह दूध कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के खतरे को कम करता है और पाचन तंत्र के लिए भारी नहीं होता है। इसके सेवन से जीवनशैली में सुधार होता है, और यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

पर्यावरणीय लाभ

वनस्पति दूध का उत्पादन क्रूरता मुक्त होता है, जो जानवरों के प्रति क्रूरता को समाप्त करने में योगदान देता है। इसके अतिरिक्त, पौधों से मिलने वाले दूध के विकल्प ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी सहायक होते हैं। ये विकल्प हमारे कार्बन पदचिह्न को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।

आर्थिक वृद्धि

साल 2020 में पौधों पर आधारित डेयरी विकल्पों की बिक्री 2.95 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। पिछले पांच वर्षों में, पौधों पर आधारित दूध के उपयोग में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 23 देश ने पौधों पर आधारित दूध को अपने राष्ट्रीय पोषण दिशा-निर्देशों में शामिल किया है, जो इसके बढ़ते महत्व और लोकप्रियता को दर्शाता है।

विश्व वनस्पति दूध दिवस हमें पौधों पर आधारित दूध की विविधता और उनके पोषण लाभों के बारे में जागरूक करता है। यह दिन हमें डेयरी उत्पादन से जुड़े पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने में हमारी भूमिका को समझने और सही दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। पौधों पर आधारित दूध के फायदे न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है, और इसके उपयोग को बढ़ावा देना एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विश्व वनस्पति दूध दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो पौधों पर आधारित दूध के फायदों और इसकी बढ़ती लोकप्रियता को मान्यता देता है। यह दिन हमें पौधों से प्राप्त दूध के पोषण संबंधी लाभों, पर्यावरणीय प्रभावों, और नैतिक दृष्टिकोण के बारे में जागरूक करता है। बादाम, सोया, जई, और नारियल जैसे विकल्प न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं बल्कि इनका उत्पादन भी क्रूरता मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल है।

पौधों पर आधारित दूध का सेवन न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह ग्लोबल वार्मिंग और कार्बन पदचिह्न को कम करने में भी योगदान करता है। आर्थिक दृष्टिकोण से, इन विकल्पों की बढ़ती लोकप्रियता और बिक्री वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है।

समग्र रूप से, पौधों से प्राप्त दूध का उपयोग एक स्थायी और स्वास्थ्यवर्धक भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हमें पर्यावरणीय और नैतिक दायित्वों को समझने और उनकी दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। इस दिन के माध्यम से, हमें पौधों पर आधारित दूध के विविध लाभों को अपनाने और समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे हम एक स्वस्थ और हरित भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।

Source- down to earth

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