बंधवाड़ी लैंडफिल साइट: कूड़ा निस्तारण की समय सीमा तय, लीचेट फैलाव पर एनजीटी सख्त

saurabh pandey
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरुग्राम नगर निगम को 31 दिसंबर 2024 तक बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर जमा सभी कूड़े का निस्तारण सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही एनजीटी ने लैंडफिल के आसपास लीचेट के फैलने पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि अरावली क्षेत्र में प्रदूषण न फैले। सुनवाई के दौरान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को भी आदेश दिया गया कि वह बंधवाड़ी और आसपास के गांवों से भूजल के नमूने लेकर उनकी जांच करे और रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

लीचेट प्रबंधन और भूजल प्रदूषण की गंभीरता

ग्रामीणों का कहना है कि लैंडफिल साइट से लीचेट (कूड़े से रिसने वाला दूषित तरल पदार्थ) फैलने के कारण भूजल दूषित हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर, एनजीटी ने नगर निगम से लीचेट प्रबंधन के उपायों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने पर बल दिया है।

कूड़े का पहाड़ और निस्तारण की चुनौती

वर्तमान में बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर 9.59 लाख टन कूड़ा पड़ा है, और दिसंबर तक यह बढ़कर 12.09 लाख टन हो जाएगा। प्रतिदिन गुरुग्राम और फरीदाबाद से लगभग 2,000 टन कूड़ा इस लैंडफिल पर डाला जा रहा है। नगर निगम को 31 दिसंबर 2024 तक सभी कूड़े का निस्तारण करना होगा। इससे पहले, 1 जनवरी 2023 को इस लैंडफिल पर 30.43 लाख टन कूड़े का पहाड़ खड़ा था, जिससे साफ होता है कि कूड़े का निस्तारण एक बड़ी चुनौती है।

सख्त निगरानी और भविष्य की कार्रवाई

एनजीटी ने इस मामले में अगली सुनवाई 17 दिसंबर को तय की है, जिसमें नगर निगम को अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसके अलावा, बल्क वेस्ट जनरेटर (50 किलो या अधिक कूड़ा उत्पन्न करने वाले प्रतिष्ठान) की रिपोर्ट भी मांगी गई है, ताकि इन जगहों पर कूड़ा प्रबंधन की स्थिति को समझा जा सके।

बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर जमा कूड़े के निस्तारण की समय सीमा तय होना पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लीचेट के फैलाव को रोकने और भूजल को सुरक्षित रखने के लिए सख्त निगरानी और उचित प्रबंधन जरूरी है। नगर निगम को इस चुनौती से समय पर निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे, ताकि पर्यावरण को और नुकसान से बचाया जा सके।

बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर कूड़े का निस्तारण और लीचेट के फैलाव को रोकना गुरुग्राम के पर्यावरण और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। एनजीटी द्वारा दी गई समय सीमा और सख्त निर्देश यह दर्शाते हैं कि अब इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। भूजल की सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच और नगर निगम की जिम्मेदारी बढ़ गई है। सही प्रबंधन और समय पर निस्तारण से पर्यावरण को होने वाले दीर्घकालिक नुकसान को रोका जा सकता है।

source- dainik jagran

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