दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या एक बार फिर गंभीर होती नजर आ रही है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ पराली का धुआं राजधानी में पहुंचने से हवा की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 234 पर पहुंचा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इसके साथ ही कुछ इलाकों में AQI 300 के पार जाकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ। इस स्थिति को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने आपात बैठक बुलाई और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण लागू करने की घोषणा की।
GRAP के तहत सख्त पाबंदियां लागू
GRAP के पहले चरण के तहत कई कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की गई है, जो मंगलवार सुबह 8 बजे से लागू हो गए हैं:
- पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध
- रेस्तरां और होटलों में कोयला व लकड़ी जलाने पर रोक
- बायोमास जलाने पर प्रतिबंध
- वायु गुणवत्ता खराब, NCR में भी हालात चिंताजनक
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स क्रमशः 180, 271 और 274 रहा। गुरुग्राम में AQI 108 पर रहा, जो अपेक्षाकृत बेहतर है।
निर्माण स्थलों पर सख्त निरीक्षण और जुर्माने की कार्रवाई
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पीतमपुरा में एक निर्माण स्थल का औचक निरीक्षण किया, जहां धूल नियंत्रण से संबंधित अनियमितताएं पाई गईं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (DPCC) ने तेवतिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। मंत्री ने बताया कि धूल विरोधी अभियान के तहत 13 विभागों की 523 टीमें तैनात की गई हैं, जो निर्माण स्थलों का नियमित निरीक्षण करेंगी।
500 वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थलों को C&D पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय सही तरीके से लागू हों।
स्थानीय निकायों को सफाई बढ़ाने के निर्देश
पर्यावरण में धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय निकायों को भी सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया है। इसमें मशीनों से सड़कों की सफाई और नियमित रूप से पानी का छिड़काव शामिल है।
वायु गुणवत्ता सुधार के प्रयास
CAQM की उप-समिति ने यह स्पष्ट किया है कि वायु गुणवत्ता में आगे गिरावट न हो, इसके लिए GRAP के पहले चरण की पाबंदियों को सख्ती से लागू करना अनिवार्य है। यदि नियमों का पालन नहीं हुआ, तो एजेंसियों पर आर्थिक जुर्माना लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
राजधानी और NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए GRAP के तहत किए गए ये उपाय बेहद महत्वपूर्ण हैं। सरकार का प्रयास है कि स्थिति को बिगड़ने से पहले संभाला जा सके। पराली जलाने से उपजे धुएं और स्थानीय प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए सभी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा।
वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार और CAQM की त्वरित कार्रवाई यह दर्शाती है कि बिगड़ती वायु गुणवत्ता को गंभीरता से लिया जा रहा है। GRAP के पहले चरण की पाबंदियों का उद्देश्य न केवल प्रदूषण पर रोक लगाना है, बल्कि स्वास्थ्य संकट को टालना भी है। निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी, पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, और कोयले जैसे जीवाश्म ईंधनों के उपयोग पर रोक से प्रदूषण पर तत्काल प्रभाव डालने की उम्मीद है।
हालांकि, पराली जलाने से आने वाला धुआं दिल्ली के प्रदूषण में एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। प्रदूषण को स्थायी रूप से नियंत्रित करने के लिए राज्यों के बीच समन्वय और नागरिकों की जागरूकता बेहद जरूरी है। यदि नागरिक और एजेंसियां मिलकर इन दिशा-निर्देशों का पालन करें, तो प्रदूषण के स्तर में सुधार संभव है और दिल्ली की हवा को फिर से स्वच्छ बनाया जा सकता है।