गाजीपुर की तस्वीर बदलने की दिशा में बड़ा कदम: बायो मीथेनाइजेशन प्लांट की मंजूरी

saurabh pandey
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गाजीपुर में लैंडफिल साइट के पास बायो मीथेनाइजेशन प्लांट लगाने का रास्ता अब साफ हो गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा करीब दस एकड़ जमीन के लैंड यूज में बदलाव को मंजूरी दी गई है, जिससे इस महत्वपूर्ण प्लांट की स्थापना की जा सकेगी। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार करना है, जिसमें हवा और पानी की गुणवत्ता को बेहतर बनाना शामिल है।

बायो मीथेनाइजेशन प्लांट की योजना

एमसीडी की योजना के तहत, बायो मीथेनाइजेशन प्लांट में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके गाय के गोबर से बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही, प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और सीएनजी का उपयोग भी किया जाएगा। यह प्लांट गाजीपुर के इंटीग्रेटेड फ्रेट कॉम्प्लेक्स के पॉकेट सी में स्थापित किया जाएगा, जो कि लैंडफिल में जैविक कचरा कम करने में मदद करेगा। इसके परिणामस्वरूप ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और इस इलाके की हवा, पानी, और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा।

सामुदायिक केंद्रों के लिए नई नीति

डीडीए ने दिल्ली के सामुदायिक केंद्रों के प्रबंधन और उपयोग के लिए नई नीति को भी मंजूरी दी है। इस नीति के तहत किराए में छूट दी जाएगी और ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। बुकिंग “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर होगी, और इसे आयोजन तिथि से 120 दिन पहले किया जा सकेगा। एक व्यक्ति एक बार में अधिकतम 5 दिनों के लिए बुकिंग कर सकेगा। इसके अलावा, सामुदायिक केंद्रों के लाइसेंस का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, जिसमें डीडीए ई-नीलामी के जरिए 5 साल के लिए अपनी संपत्ति का लाइसेंस दे सकेगा। इस नीति के तहत शादी समारोह, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए इन केंद्रों का उपयोग किया जा सकेगा।

उम्मीद की किरण

इस महत्वपूर्ण पहल से गाजीपुर की तस्वीर में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे न केवल पर्यावरण की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। इस परियोजना की सफलतापूर्वक कार्यान्वयन से क्षेत्र में एक नई शुरुआत की उम्मीद जताई जा रही है।

गाजीपुर में बायो मीथेनाइजेशन प्लांट की मंजूरी और सामुदायिक केंद्रों के लिए नई नीति से क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार होगा। बायो मीथेनाइजेशन प्लांट जैविक कचरे का उपयोग कर हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार करेगा, जबकि नई नीति सामुदायिक केंद्रों की सुविधाओं को और अधिक सुलभ बनाएगी। ये पहल गाजीपुर की जीवन गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एक बड़ा कदम है, जो स्थानीय निवासियों को बेहतर पर्यावरण और सुविधाएं प्रदान करेगी।

Source- अमर उजाला

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