भविष्य में एक दिन 24 नहीं, बल्कि 25 घंटे का हो सकता है: एक महत्वपूर्ण अध्ययन

saurabh pandey
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जब से मानवता ने समय की गणना की शुरुआत की है, एक दिन में 24 घंटे का पैटर्न स्थिर रहा है। लेकिन वैज्ञानिकों की एक नई खोज के अनुसार, भविष्य में यह स्थिति बदल सकती है। एक हालिया अध्ययन के मुताबिक, अगले दो हजार वर्षों में पृथ्वी पर एक दिन की लंबाई बढ़कर लगभग 25 घंटे हो सकती है।

चंद्रमा की गति और पृथ्वी का घूमना

चंद्रमा हर साल लगभग 3.82 सेंटीमीटर की दर से पृथ्वी से दूर हो रहा है। यह प्रक्रिया पृथ्वी और चंद्रमा के बीच के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होती है। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के भूविज्ञान के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स के अनुसार, इस प्रक्रिया को समझने के लिए उनकी तुलना एक फिगर स्केटर से की जा सकती है। जैसे एक स्केटर अपनी बाहें फैलाते हुए अपनी घूमने की गति को धीमा करता है, वैसे ही चंद्रमा के दूर जाने के कारण पृथ्वी की घूर्णन गति भी धीमी होती जाती है। इसका परिणाम है कि दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ रही है।

चंद्रमा का वायुमंडल और शोध

1960 और 1970 के दशकों में अपोलो मिशनों के दौरान, चंद्रमा पर कई महत्वपूर्ण अध्ययन किए गए। वैज्ञानिकों ने पाया कि चंद्रमा का वायुमंडल बहुत पतला है, जो पृथ्वी के घने वायुमंडल की तुलना में बेहद कमजोर है। अपोलो मिशनों के दौरान चंद्रमा की मिट्टी के नमूनों से यह भी पता चला कि छोटे और बड़े उल्कापिंडों के प्रभाव से चंद्रमा के वायुमंडल में बदलाव आता है।

भविष्य की संभावनाएं

चंद्रमा की दूरी की मौजूदा दर को ध्यान में रखते हुए, वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दो हजार वर्षों में एक दिन की लंबाई लगभग 25 घंटे हो सकती है। 2018 में, चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी लगभग 384,400 किलोमीटर (238,855 मील) थी, और यह लगभग हर 27.3 दिन में एक चक्कर पूरा करता है। हालांकि यह बदलाव दैनिक जीवन में तुरंत ध्यान देने योग्य नहीं हो सकता, लेकिन यह निश्चित रूप से पृथ्वी के दिन की लंबाई को प्रभावित करेगा।

अध्ययन की महत्वपूर्ण बातें

विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने लगभग नौ सौ मिलियन वर्षों पुरानी चट्टानों की जांच की और पाया कि चंद्रमा की गति और पृथ्वी की घूर्णन की स्थिति समय के साथ बदलती रही है। उनके अध्ययन से यह भी पता चला कि अगर चंद्रमा के दूर जाने की दर जारी रहती है, तो पृथ्वी का दिन समय के साथ लंबा होता जाएगा।

यह अध्ययन भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है और दर्शाता है कि हमारे ग्रह की घूर्णन गति में बदलाव का एक दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है। हालांकि यह बदलाव वर्षों बाद होगा, यह हमारे समय की गणना और दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। यह खोज हमें हमारे ब्रह्मांड और समय के बारे में और अधिक समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Source and data- दैनिक जागरण

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