पेरिस, एजेंसी। दुनिया के कई देशों ने अभी तक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए लक्ष्य और नीतियां तय नहीं की हैं। ऐसे में 2030 तक तीन गुना के लक्ष्य से चूक सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने से पूर्व जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। आईईए ने कहा, देशों को अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य शामिल करने चाहिए।
150 देशों की नीतियों का किया गया विश्लेषण
आईईए ने लगभग 150 देशों की घरेलू नीतियों और लक्ष्यों का विश्लेषण किया। इसमें पाया कि 2030 तक लगभग 8,000 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता होगी। यह लक्ष्य का महज 70 प्रतिशत हिस्सा है। तीन गुना लक्ष्य के लिए 11,000 गीगावॉट क्षमता हासिल करनी जरूरी है।
8000 गीगावॉट का उत्पादन होगा साल 2030 तक, 11 हजार गीगावॉट का उत्पादन करना है लक्ष्य
आईईए के कार्यकारी निदेशक फतिह बिरोल ने कहा, तीन गुना लक्ष्य महत्वाकांक्षी है। यह प्राप्त करने योग्य भी है। हालांकि, ऐसा तभी संभव होगा जब सरकारें शिष्टता से काम करेंगी और योजनाओं में तेजी से बदलाव करेंगी। कई देशों में अभी भी सुशासन, क्रियान्वयन और टिकाऊ ऊर्जा प्रणाली की दिशा में बड़े कदम उठाए जाने बाकी हैं। इसी कारण आईईए ने इसे एक बड़ी चुनौती बताया है। यह रिपोर्ट उस समय आई है जब दुनिया के लगभग 28 प्रतिशत देशों ने अक्षय ऊर्जा की दिशा में अपने लक्ष्य नहीं घोषित किए थे।
वादों को कार्य योजना में बदलना होगा: आईईए
आईईए के कार्यकारी निदेशक फतिह बिरोल ने कहा, तीन गुना लक्ष्य महत्वाकांक्षी है। यह प्राप्त करने योग्य भी है। हालांकि, ऐसा तभी संभव होगा जब सरकारें शिष्टता से काम करेंगी और योजनाओं में तेजी से बदलाव करेंगी। कई देशों में अभी भी सुशासन, क्रियान्वयन और टिकाऊ ऊर्जा प्रणाली की दिशा में बड़े कदम उठाए जाने बाकी हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अक्षय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इस रिपोर्ट के निष्कर्षों से स्पष्ट है कि दुनिया को अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में तेजी लानी होगी ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके और भविष्य की पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण मिल सके।