बुधवार को दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर और खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आनंद विहार का AQI 439 रहा, जो हवा की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। वहीं, दिल्ली का औसत वायु सूचकांक 230 दर्ज किया गया।
प्रदूषण के स्थानीय कारणों का दबदबा
अभी दिल्ली के प्रदूषण के लिए प्रमुख रूप से वाहनों का धुआं, फैक्टरियों से निकलने वाला प्रदूषक और धूल जिम्मेदार हैं। पराली जलाने से प्रदूषण में योगदान की बात की जाए, तो फिलहाल इसका प्रभाव कम दिखाई दिया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के मुताबिक, हाल ही में छह राज्यों में पराली जलाने की 385 घटनाएं दर्ज की गईं:
- पंजाब: 99
- हरियाणा: 14
- उत्तर प्रदेश: 59
- दिल्ली: 1
- राजस्थान: 100
- मध्य प्रदेश: 112
हालांकि पंजाब और हरियाणा से आने वाला धुआं दिल्ली के प्रदूषण में भारी योगदान करता है, लेकिन फिलहाल प्रदूषण के स्थानीय स्रोत अधिक प्रभावी हैं।
एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति
बुधवार को दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता खराब रही। आनंद विहार में AQI 439 के साथ गंभीर स्थिति में पहुंच गया, हालांकि रात में इसमें सुधार देखा गया और सूचकांक 198 पर आ गया।
अन्य इलाकों में दर्ज AQI:
- फरीदाबाद: 206
- गाजियाबाद: 203
- ग्रेटर नोएडा: 178
- गुरुग्राम: 174
- नोएडा: 159
प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास और चालान जारी
एनडीएमसी (नई दिल्ली नगरपालिका परिषद) ने प्रदूषण नियंत्रण के तहत निर्माण स्थलों और सार्वजनिक क्षेत्रों का निरीक्षण किया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करते हुए 15 लाख रुपये के 30 चालान काटे गए।
इसके अलावा, कूड़ा जलाने, सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के उल्लंघन के लिए 290 चालान जारी कर 48,747 रुपये का जुर्माना वसूला गया। एनडीएमसी ने धूल नियंत्रण के लिए जीपीएस-ट्रैकिंग वाली छह मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीनों को तैनात किया है, जो प्रतिदिन औसतन 227 किमी तक सफाई करती हैं।
दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। आने वाले तीन दिनों तक वायु गुणवत्ता खराब बनी रहने की संभावना जताई गई है। आवश्यक है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और नागरिक भी अपने हिस्से का योगदान दें।