बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर, भारत के भी शहरों की वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों पर खरी नहीं

saurabh pandey
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देश के 256 शहरों की वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी नहीं उतरी है। 2024 के पहले छह महीनों के आंकड़ों के अनुसार, मेघालय के बर्नीहाट शहर की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 140 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। असम का यह छोटा शहर प्रदूषण के मामले में बड़ा संकेतक है कि समस्या अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रही है। फरीदाबाद दूसरे और दिल्ली तीसरे स्थान पर रहे।

रिपोर्ट का खुलासा

ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) की ओर से जारी नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले छह महीनों के दौरान बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर रहा। 148 दिनों में से छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर रही, जबकि 107 दिनों तक हवा बेहद खराब रही। मात्र पांच दिन ऐसे रहे जब वायु गुणवत्ता बेहतर रही।

फरीदाबाद और दिल्ली की स्थिति

हरियाणा का फरीदाबाद शहर प्रदूषण की सूची में दूसरे स्थान पर है, जहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। दिल्ली तीसरे स्थान पर है, जहां पीएम 2.5 का स्तर 102 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। दोनों शहरों की हवा स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित हो रही है।

अन्य प्रदूषित शहर

गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा भी टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। गुरुग्राम चौथे स्थान पर है, जहां पीएम 2.5 का स्तर 99 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। इसके बाद भागलपुर, श्रीगंगानगर, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बल्लभगढ़, और भिवाड़ी टॉप टेन में शामिल हैं।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम

रिपोर्ट के अनुसार, देश के 163 सबसे प्रदूषित शहरों में से 63 राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जबकि बाकी 100 शहरों के पास प्रदूषण नियंत्रित करने की कोई योजना नहीं है।

डब्ल्यूएचओ मानक

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हवा में पीएम 2.5 की मात्रा पांच माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम दीर्घावधि के लिए सुरक्षित मानी जाती है, जबकि राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक में यह 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। इस स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।

भारत के शहरों की वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी नहीं उतर रही है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है। 2024 के पहले छह महीनों में जारी रिपोर्ट ने प्रदूषण की समस्या की गंभीरता को उजागर किया है, जिसमें बर्नीहाट, फरीदाबाद, और दिल्ली जैसे शहर प्रदूषण के उच्च स्तर पर हैं।

विशेष रूप से बर्नीहाट की हवा का स्तर अत्यधिक चिंताजनक है, जबकि फरीदाबाद और दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रही है। अन्य प्रदूषित शहरों में गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा, और भागलपुर भी शामिल हैं, जो इस समस्या की व्यापकता को दर्शाते हैं।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के बावजूद, कई शहरों में प्रदूषण नियंत्रित करने की कोई ठोस योजना नहीं है। डब्ल्यूएचओ और राष्ट्रीय मानकों की तुलना में हवा की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए प्रभावी और त्वरित उपायों की जरूरत है ताकि नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित किया जा सके और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

Source and data – अमर उजाला

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