अमर उजाला नेटवर्क
नई दिल्ली – बेहतर खानपान और नियमित व्यायाम जैसी अच्छी आदतों को अपनाकर असमय मृत्यु के आनुवांशिक जोखिम को 62 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यानी बेहतर जीवनशैली अपनाकर हम अपने पूर्वजों से मिली बीमारियों से उबर सकते हैं। इतना ही नहीं, स्वस्थ जीवनशैली उम्र में मध्य वर्ष में अपनाकर अपनी आयु में लगभग 5.5 वर्षों का इजाफा कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने 3,53,742 वयस्कों से जुड़े आंकड़ों का अध्ययन किया। 2006 से 2010 के बीच इन सभी के स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़ों को यूके बायोबैंक ने दर्ज किया था। इन लोगों के स्वास्थ्य पर 2021 तक नजर रखी गई। इस अवधि में 24,239 प्रतिभागियों की मृत्यु हो गई।
अध्ययन से पता चला कि कम आयु जीने वाले लोगों की शीघ्र मृत्यु की आशंका, चाहे उनकी जीवनशैली अच्छी हो या खराब, उन लोगों की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक होती है जिनकी जीवनशैली अच्छी होती है। इसी तरह खराब जीवनशैली वाले लोगों की असमय मृत्यु की आशंका स्वस्थ जीवनशैली वाले लोगों की तुलना में 78 प्रतिशत अधिक होती है, चाहे उनकी आनुवांशिक जोखिम की श्रेणी कोई भी हो।
शोधकर्ताओं का सुझाव है कि जिन लोगों में असमय मृत्यु जीने का आनुवांशिक जोखिम अधिक है उन्हें 40 वर्ष की उम्र में स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर अपनी आयु में करीब 5.5 वर्षों का इजाफा कर सकते हैं। चूंकि जीवनशैली से जुड़ी अच्छी आदतें अक्सर युवावस्था से पहले ही तय हो जाती हैं, इसलिए इस पड़ाव पर पहुंचने से पहले ही आनुवांशिक प्रवृत्तियों का मुकाबला करने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।