कोविड-19 ने पूरी दुनिया को एक गहन स्वास्थ्य संकट के दौर में डाल दिया था, लेकिन इसके खत्म होने के बाद भी इसके दुष्प्रभाव लगातार सामने आ रहे हैं। कोविड के विभिन्न वेरिएंट्स ने चिकित्सा विज्ञान को चुनौती दी है, और इस चुनौती का सामना करने के लिए शोधकर्ता नई-नई खोजों में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में, हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक विशेष एंटीबॉडी ‘SC27’ की खोज की है, जो कोविड-19 के सभी ज्ञात वेरिएंट्स और अन्य जानवरों को संक्रमित करने वाले वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी हो सकती है।
‘SC27’ एंटीबॉडी: एक नई उम्मीद
इस खोज को लेकर प्रमुख अध्ययन ‘सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है। टेक्सास विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में, चार रोगियों द्वारा दान किए गए प्लाज्मा से ‘SC27’ एंटीबॉडी को अलग किया गया। ये रोगी कोविड-19 से संक्रमित हुए थे, बावजूद इसके कि वे पहले टीका लगवा चुके थे। इस एंटीबॉडी की खासियत यह है कि यह कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन से जुड़कर इसके संक्रमण को रोकने में सक्षम है।
कैसे काम करती है ‘SC27’?
कोविड-19 का कारण बनने वाला कोरोनावायरस अपने स्पाइक प्रोटीन का उपयोग करके व्यक्ति के शरीर पर हमला करता है। एंटीबॉडी ‘SC27’ इस प्रोटीन से जुड़कर उसकी क्रिया को निष्क्रिय कर देती है, जिससे वायरस के शरीर में फैलने का खतरा कम हो जाता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि ‘SC27’ एंटीबॉडी विभिन्न कोविड वेरिएंट्स में स्पाइक प्रोटीन की अलग-अलग विशेषताओं को पहचान सकती है, जिससे यह एक संभावित सार्वभौमिक वैक्सीन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
टेक्सास विश्वविद्यालय के अध्ययन के प्रमुख लेखक विलियम वास ने बताया कि इस शोध का एक मुख्य उद्देश्य एक सार्वभौमिक वैक्सीन के विकास की दिशा में काम करना है, जो उत्परिवर्तित वायरस के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान कर सके। हालांकि, शोध में शामिल लोगों की संख्या सीमित होने के कारण परिणाम फिलहाल सीमित हो सकते हैं। साथ ही, यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि ‘SC27’ जैसी एंटीबॉडी मानव आबादी में कितनी सामान्य हो सकती हैं।
अध्ययन के अन्य लेखक जेसन लविंदर ने कहा कि भविष्य में ‘SC27’ और इसके जैसी अन्य एंटीबॉडी की खोज कोविड-19 के मौजूदा और भविष्य के वेरिएंट्स से बचाव के लिए बेहतर तरीके प्रदान कर सकती है। इसके अलावा, हाइब्रिड इम्युनिटी की भूमिका पर भी जोर दिया गया है, जो अकेले संक्रमण या टीकाकरण की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
‘SC27’ एंटीबॉडी की खोज कोविड-19 और उसके वेरिएंट्स के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। यह शोध न केवल मौजूदा महामारी के खिलाफ एक नई उम्मीद है, बल्कि भविष्य में संभावित संक्रमणों से निपटने के लिए भी एक महत्वपूर्ण आधार हो सकता है। यदि ‘SC27’ एंटीबॉडी का सफलतापूर्वक विकास होता है, तो यह भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य संकटों के खिलाफ एक प्रभावी हथियार साबित हो सकता है।
Source- dainik jagran