डॉ. नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन (एनटीटीपीएस) एक कोयला आधारित बिजली संयंत्र है, जिसकी उत्पादन क्षमता 2,560 मेगावाट है। आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एपीपीसीबी) ने एनटीटीपीएस को प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु एवं जल गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। 22 फरवरी, 2025 को आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी गई रिपोर्ट में इस संबंध में जानकारी दी गई है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम
एनटीआर जिले के इब्राहिमपटनम में स्थित इस संयंत्र को 10 जनवरी, 2025 को एसपीसीबी ने तीन महीने के भीतर उल्लंघनों को ठीक करने और बजट अनुमानों के साथ एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। संयंत्र ने 27 जनवरी, 2025 को अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की, जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया गया:
- वायु प्रदूषण नियंत्रण: आंध्र प्रदेश पावर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एपीजीईएनसीओ) ने निलंबित कण पदार्थ (एसपीएम) को नियंत्रित करने, इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) सुधार और अन्य कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए।
- बजट आवंटन: ईएसपी को अपग्रेड करने, फ्लाई ऐश निकासी और ऐश हैंडलिंग सिस्टम को मजबूत करने के लिए 18 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया गया।
- कोयले की गुणवत्ता सुधार: उच्च श्रेणी के कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी से अनुरोध किया गया।
- प्रदूषण नियंत्रण उपायों का विस्तार: वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए 31 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली में सुधार
एनटीटीपीएस ने अपनी प्रदूषण नियंत्रण प्रणालियों को दुरुस्त करने और इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) के प्रदर्शन में सुधार के लिए समयबद्ध कार्य योजना प्रस्तुत की है। इसके अलावा, यूनिट V, VI और VII के वार्षिक ओवरहाल का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे ईएसपी हॉपर से होने वाले रिसाव को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया है।
संयंत्र ने राख प्रबंधन और फ्लाई ऐश निकासी प्रणालियों को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कार्य और खरीद आदेश जारी किए गए हैं, और 31 मार्च 2025 तक इन सुधार कार्यों को पूरा करने की योजना बनाई गई है।
कृष्णापट्टनम में जल आपूर्ति की समस्या
नेल्लोर नगर निगम ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को बताया कि वह कृष्णापट्टनम औद्योगिक नोड में भूजल स्तर को बहाल करने के लिए कार्रवाई करने में असमर्थ है, क्योंकि यह क्षेत्र उसकी सीमा से बाहर है।
नगर निगम ने 24 फरवरी, 2025 को एनजीटी में अपनी रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें उल्लेख किया गया कि कृष्णापट्टनम खाद्य तेल रिफाइनर्स एसोसिएशन ने जल आपूर्ति के लिए अनुरोध किया था।
- जल परियोजना की लागत: पदरुपल्ली जलाशय से पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए 30 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी, लेकिन उद्योगों द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण यह कार्य आगे नहीं बढ़ सका।
- अतिरिक्त उद्योगों की मांग: अन्य उद्योगों ने भी जल आपूर्ति के लिए अनुरोध किया, और परियोजना की कुल लागत 107 करोड़ रुपये आंकी गई, क्योंकि पानी का स्रोत 44.87 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- असहमति और देरी: किसी भी उद्योग ने जल आपूर्ति परियोजना के लिए भुगतान करने की इच्छा नहीं जताई, जिससे परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी।
डॉ. नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं और सरकार द्वारा तय किए गए मानकों को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहा है। हालांकि, कृष्णापट्टनम में जल आपूर्ति की समस्या अभी भी बनी हुई है, क्योंकि संबंधित उद्योगों ने वित्तीय सहायता देने में रुचि नहीं दिखाई है। सरकार और उद्योगों के बीच सहयोग से इस समस्या का समाधान संभव हो सकता है।