वायु प्रदूषण और अत्यधिक तापमान गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। शोध बताते हैं कि प्रदूषण प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है और बच्चे के विकास में बाधा डाल सकता है। इससे फेफड़ों की कमजोरी, मानसिक और बौद्धिक क्षमताओं में कमी, और याददाश्त की समस्या हो सकती है।गर्भावस्था के आखिरी चरण में अत्यधिक गर्मी गर्भपात का खतरा बढ़ा सकती है।
शोध में पता चला कि 12% मामलों में गर्भावस्था की अवधि लंबी हुईशिशु में मृत जन्म, जन्म संबंधी जटिलताएं और मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है”
उच्च तापमान और गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक गर्मी, समय से पहले जन्म और अन्य जटिलताओं से जुड़ी हुई है। ऑस्ट्रेलिया में हुए एक अध्ययन के अनुसार, लंबी गर्भावस्था माँ और बच्चे दोनों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है, जिससे चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता बढ़ जाती है।
संभावित खतरे:
- मृत जन्म की संभावना
- जन्म संबंधी जटिलताएँ
- बचपन में कुपोषण और बीमारियाँ
- मानसिक विकास में बाधा
- जलवायु परिवर्तन और गर्भावस्था
बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन समय से पहले जन्म से जुड़े हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया के कर्टिन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर अध्ययन किया, जिसमें गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखा गया।
12% महिलाओं की गर्भावस्था अधिक समय तक चली
कर्टिन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पॉपुलेशन हेल्थ के प्रमुख शोधकर्ता सिल्वेस्टर डोडजी न्यादानू के अनुसार, “समय से पहले जन्म स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन देर से जन्म के प्रभावों पर कम ध्यान दिया गया है।”
शोध के अनुसार, वायु प्रदूषण और गर्मी के कारण 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं, पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं और जटिल गर्भावस्था वाली महिलाओं में गर्भावस्था अधिक समय तक खिंच सकती है। शोधकर्ताओं ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में जन्म रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और पाया कि 12% मामलों में गर्भावस्था लंबी चली।
अध्ययन में बताया गया कि वायु प्रदूषण (PM2.5) और अत्यधिक गर्मी से गर्भावस्था की अवधि बढ़ सकती है, जिससे गर्भवती महिलाओं को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, नीति निर्माताओं और गर्भवती महिलाओं को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को गंभीरता से लेना चाहिए।
जरूरी कदम:
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस उपाय
- गर्भवती महिलाओं को जलवायु संबंधी जोखिमों के बारे में जागरूक करना
- सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रभावी योजनाएँ बनाना
इस अध्ययन से स्पष्ट होता है कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण न केवल पर्यावरण बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं को इन खतरों से बचाने के लिए प्रभावी नीतियाँ और जागरूकता आवश्यक हैं।