राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या के चलते सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में किसी भी प्रकार की ढील देने से इनकार कर दिया है। यह प्रतिबंध सोमवार तक जारी रहेंगे। हालांकि, स्कूलों को राहत देते हुए कोर्ट ने हाइब्रिड शिक्षा प्रणाली अपनाने का विकल्प दिया है, जिससे अभिभावक तय कर सकें कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें या ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ उठाएं।
ट्रकों के प्रवेश पर सख्ती की कमी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंधों के प्रभावी पालन न होने पर नाराजगी जताई। जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने ग्रेप 4 के प्रतिबंधों को लेकर चिंता जाहिर की। कोर्ट में पेश रिपोर्ट के अनुसार, कई स्थानों पर निर्माण कार्य जारी हैं, जबकि इन पर रोक लगी हुई है। कोर्ट ने वायु प्रदूषण की इस वार्षिक समस्या के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पराली जलाने पर हरियाणा और पंजाब को फटकार
पराली जलाने के मामलों में हरियाणा और पंजाब की ढिलाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान यह मुद्दा उठा कि सैटेलाइट की निगरानी से बचने के लिए किसान शाम 4 बजे के बाद पराली जला रहे हैं। कोर्ट ने इस पर चिंता जताई और इसे गंभीर समस्या बताया।
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली का एक्यूआई 325 पर दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। बुधवार को यह 303 था। वहीं, 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 31 की वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” और सात की “खराब” रही।
कोर्ट का आदेश और अधिकारियों को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के अधीन काम करने वाले अधिकारियों से पूछा कि नियमों का पालन न करने वालों पर क्या कार्रवाई की गई। आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर, ट्रैफिक कमिश्नर और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर 2 दिसंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है।
दिल्ली में सबसे ठंडी सुबह और बढ़ते प्रदूषण का संकट
गुरुवार को दिल्ली में मौसम का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। इस दौरान हवा की गुणवत्ता “बहुत खराब” रही। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सुधार हुआ और एक्यूआई 400 के नीचे रहा। इसके बावजूद एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी रही।
स्थायी समाधान की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केवल अस्थायी प्रतिबंध पर्याप्त नहीं हैं। सरकार और संबंधित एजेंसियों को दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देना होगा ताकि हर साल प्रदूषण से होने वाले संकट को रोका जा सके। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
एनसीआर में बढ़ता वायु प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है, बल्कि इससे निपटने में अधिकारियों की सुस्ती भी उजागर हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे नियंत्रित करने के लिए सख्त रुख अपनाया है और हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों को जिम्मेदारी निभाने के निर्देश दिए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि दीर्घकालिक समाधान के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।