उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अगले तीन से चार दिनों में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट शुरू होने की संभावना है। हालांकि, यह गिरावट अचानक नहीं होगी, और अगले एक सप्ताह तक ठंड का अहसास नहीं होगा। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में अधिकतम और न्यूनतम तापमान औसत से दो से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक हैं।
मौसम विभाग ने हाल ही में बताया कि इस साल अक्टूबर 1901 के बाद का सबसे गर्म महीना रहा है। अक्टूबर का औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक 26.92 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सामान्य तापमान 25.69 डिग्री सेल्सियस रहता है। इसके अलावा, इस महीने में न्यूनतम तापमान भी 21.85 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर रहा, जो कि सामान्य 20.01 डिग्री सेल्सियस से अधिक है।
ठंड की दस्तक का इंतजार
मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नवंबर में तापमान में गिरावट की प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन यह धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर आएगा। उन्होंने इस बार अत्यधिक ठंड पड़ने की आशंकाओं को खारिज किया और कहा कि प्रशांत महासागर में अभी तक ला-नीना की स्थिति विकसित नहीं हुई है। यदि दिसंबर तक यह स्थिति विकसित होती है, तो जनवरी में अत्यधिक ठंड पड़ने की संभावना है।
ला-नीना और अल-नीनो का प्रभाव
महापात्रा ने बताया कि शीत लहर का मौसम पर प्रभाव पड़ता है। ला-नीना की स्थिति शीतलहर को बढ़ावा देती है, जबकि अल-नीनो का इसके विपरीत प्रभाव होता है। IMD हर सप्ताह तापमान का अग्रिम अनुमान जारी करता है, जिससे मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। महापात्रा ने स्पष्ट किया कि IMD नवंबर को सर्दी का मौसम नहीं मानता है।
बारिश का पूर्वानुमान
नवंबर में मौसम के बारे में बात करते हुए महापात्रा ने बताया कि पूर्वोत्तर और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। हालांकि, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है, जिससे ठंड बढ़ सकती है। इस महीने में उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण दक्षिणी राज्यों और तटीय क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
यदि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है, तो उत्तर भारत में बारिश की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, इस दौरान उत्तर भारत और मध्य भारत में सामान्य से कम बारिश की उम्मीद है।
इस वर्ष का नवंबर माह उत्तर भारत के लिए विशेष होगा, क्योंकि ठंड धीरे-धीरे आएगी और गर्मी के लंबे अनुभव के बाद सर्दी का मौसम महसूस करने में थोड़ा समय लगेगा। साथ ही, मौसम विभाग की सक्रियता और सही पूर्वानुमान के चलते, लोगों को ठंड से पहले ही सावधान रहने की सलाह दी गई है। सभी को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समय-समय पर मौसम की जानकारी लेते रहें।
इस साल का मौसम संकेत दे रहा है कि उत्तर भारत में सर्दी धीरे-धीरे दस्तक देगी, जिससे लोगों को समय के साथ ठंड का अनुभव होगा। हालांकि तापमान में गिरावट की शुरुआत अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है, लेकिन यह अचानक नहीं होगा। मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी से स्पष्ट है कि इस साल नवंबर का महीना पहले की तुलना में अधिक गर्म रहने वाला है।
साथ ही, ला-नीना और अल-नीनो जैसी जलवायु स्थितियों का प्रभाव भी मौसम पर पड़ेगा, जिससे ठंड और बारिश के पैटर्न में बदलाव आ सकता है। इसलिए, सभी को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की जानकारी पर ध्यान दें और ठंड से पहले आवश्यक सावधानियां बरतें। इस समय, स्वास्थ्य का ध्यान रखना और मौसम की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना महत्वपूर्ण है।