दिल्ली सरकार धूल प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए पूरी सक्रियता से काम कर रही है। 7 अक्टूबर से शुरू किए गए धूल विरोधी अभियान के तहत अब तक 2,764 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया गया है। इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर 76 निर्माण स्थलों को नोटिस और चालान जारी किए गए हैं, साथ ही 17 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
धूल विरोधी अभियान के तहत 523 टीमें तैनात
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी कि यह अभियान 7 नवंबर तक चलेगा। अभियान के लिए 523 टीमें गठित की गई हैं, जिनमें 13 विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं। ये टीमें निर्माण स्थलों का नियमित निरीक्षण कर रही हैं और उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई कर रही हैं।
विंटर एक्शन प्लान का हिस्सा है यह अभियान
दिल्ली सरकार ने 25 सितंबर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की थी, जिसके तहत धूल प्रदूषण के खिलाफ यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मंत्री राय ने बताया कि अभियान की निगरानी के लिए ग्रीन वॉर रूम स्थापित किया गया है, जहां से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पौधारोपण अभियान, बायो डीकंपोजर के छिड़काव और अन्य प्रयासों के जरिए भी प्रदूषण को कम करने का प्रयास कर रही है।
वायु गुणवत्ता में गिरावट, दीवाली के बाद बढ़ सकता है प्रदूषण
गोपाल राय ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है और दीवाली के बाद प्रदूषण के और बढ़ने की आशंका है। दिल्ली सरकार इसके लिए हरसंभव कदम उठा रही है और केंद्रीय सरकार को भी आपातकालीन सहायता के लिए पत्र भेजा गया है।
जागरूकता और तकनीकी उपायों से नियंत्रण की कोशिश
सरकार जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ मोबाइल एंटी-स्मॉग गन और मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों का भी इस्तेमाल कर रही है। पूरे शहर में 85 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें और 500 वाटर स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। सर्दियों के दौरान सड़कों पर तीन शिफ्ट में एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएंगी।
हॉटस्पॉट इलाकों में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वहां 80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन लगाई गई हैं। मंत्री राय ने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जनता की भागीदारी जरूरी है, और सरकार को उम्मीद है कि लोग नियमों का पालन कर प्रदूषण कम करने में सहयोग करेंगे।
दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए व्यापक कदम उठा रही है। धूल विरोधी अभियान और अन्य प्रयासों से यह सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है कि प्रदूषण का स्तर न बढ़े। आने वाले दिनों में दीवाली के बाद स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन सरकार की सक्रिय रणनीति से इसे नियंत्रित करने की उम्मीद है।