मॉनसून की विदाई शुरू: बारिश का कारण और मौसम विभाग की चेतावनियाँ

saurabh pandey
4 Min Read

भारत में मॉनसून का मौसम धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद कई इलाकों में बारिश जारी है। आज कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में 200 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है।

बारिश का कारण

मौसम विभाग ने बताया कि मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती प्रसार के चलते पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अतिरिक्त, भारत के उत्तरी प्रायद्वीप में एक शेयर जोन भी बना हुआ है, जहां हवाएं विपरीत दिशाओं में चल रही हैं। यह वायुमंडलीय अस्थिरता बारिश की गतिविधियों को बढ़ा रही है।

प्रभावित क्षेत्र

  • कोंकण और गोवा: यहाँ 200 मिमी से अधिक बारिश होने की संभावना है।
  • मध्य महाराष्ट्र: भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी।
  • तटीय कर्नाटक, मध्य प्रदेश, विदर्भ: इन क्षेत्रों में 12 से 20 मिमी (120 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है।
  • छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, सिक्किम: यहाँ भी बारिश के आसार हैं, जहाँ 70 मिमी तक बारिश हो सकती है।

तूफानी हवाएँ

मौसम विभाग ने बताया कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की संभावना है। तेलंगाना और झारखंड के क्षेत्रों में भी 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बौछारें पड़ सकती हैं।

मछुआरों के लिए चेतावनी

बंगाल की खाड़ी में हलचल जारी रहने के कारण, महाराष्ट्र के तटों, कर्नाटक, गोवा और अन्य समुद्री क्षेत्रों में मछुआरों को मछली पकड़ने और व्यापार से संबंधित कार्यों के लिए न जाने की सलाह दी गई है। यहाँ की हवाओं की रफ्तार 35 से 55 किमी प्रति घंटे के बीच रह सकती है, जो कि बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुँच सकती हैं।

मॉनसून की विदाई

राजस्थान, गुजरात, पंजाब, और हरियाणा के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई हो चुकी है। हालाँकि, देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के आसार बने हुए हैं, जो यह दर्शाता है कि मौसम में अभी भी काफी अस्थिरता बनी हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार, कम दबाव और शेयर जोन के प्रभाव से कई राज्यों में बारिश जारी रहेगी। लोगों को सतर्क रहने और मौसम संबंधी सलाह का पालन करने की आवश्यकता है। मॉनसून की विदाई के साथ-साथ, मौसम में होने वाले बदलावों पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।

इस साल मॉनसून की विदाई के बावजूद, भारत के विभिन्न हिस्सों में बारिश जारी रहना जलवायु की अस्थिरता का संकेत है। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों और विश्लेषणों से स्पष्ट होता है कि वर्तमान में कम दबाव और शेयर जोन जैसी स्थितियाँ कई राज्यों में भारी बारिश का कारण बन रही हैं। कोंकण और गोवा जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की संभावनाएं हैं, जो किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय है।

साथ ही, मछुआरों को भी तेज हवाओं के कारण समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी गई है। इस स्थिति में सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है, ताकि संभावित आपदाओं से बचा जा सके। आने वाले दिनों में मौसम के परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए, सभी को उचित तैयारी और सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।

इस प्रकार, भले ही मॉनसून का मौसम समाप्त हो रहा हो, लेकिन वायुमंडलीय अस्थिरता के चलते बारिश की गतिविधियाँ जारी रहेंगी, जिससे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता और बढ़ गई है।

Source- down to earth

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *