भारत में ठोस कचरे की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या के चलते कचरे का प्रबंधन चुनौती बन गया है। इसी समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के निर्माण में ठोस कचरे के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसका उद्देश्य न केवल कचरे के निस्तारण को सुनिश्चित करना है, बल्कि सड़कों के निर्माण में इसे उपयोग में लाकर भूमि के अपव्यय को भी कम करना है।
देशभर में लगभग 2304 लैंडफिल साइटों पर करीब 1700 लाख टन ठोस कचरा जमा है। इन लैंडफिल साइटों से निकली मिट्टी को राजमार्ग निर्माण में प्रयोग किया जाएगा, जिससे बड़ी मात्रा में भूमि का दोबारा उपयोग हो सकेगा। स्वच्छ भारत मिशन-2.0 के तहत सरकार ने ठोस कचरे के प्रसंस्करण से मिट्टी प्राप्त करने और उसका उपयोग सड़क निर्माण में करने की नीति बनाई है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि खेतों से मिट्टी निकालने की जरूरत को भी कम करेगी।
पायलट परियोजनाओं की सफलता
ठोस कचरे का उपयोग करके पहले ही दो पायलट परियोजनाएँ सफलतापूर्वक पूरी की जा चुकी हैं। इन परियोजनाओं की सफलता के बाद सरकार ने इसे अन्य राजमार्ग निर्माण में अपनाने का फैसला किया है। ठेकेदारों, निकायों और संबंधित प्राधिकरणों के बीच त्रिपक्षीय समझौते करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ठोस कचरे से मिट्टी की आपूर्ति सही ढंग से हो सके।
नोडल अधिकारियों की नियुक्ति
राज्यों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रक्रिया को तेजी से लागू करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें। यह कदम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को एक नए आयाम में ले जाएगा और शहरी विकास को सतत बनाए रखने में मददगार साबित होगा।
पर्यावरण संरक्षण और गति शक्ति अभियान का तालमेल
गति शक्ति अभियान के तहत हाईवे निर्माण को स्वच्छ भारत मिशन 2.0 से जोड़ा गया है, जिसका लक्ष्य पर्यावरण को संरक्षित करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। ठोस कचरे का इस्तेमाल करके न केवल सड़कों का निर्माण होगा, बल्कि इस कचरे के ढेर को कम करके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभावों को भी कम किया जाएगा।
यह नीति भारत को कचरे की गंभीर समस्या से निपटने के साथ-साथ सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सड़कों के निर्माण में ठोस कचरे का उपयोग न केवल भूमि संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि कचरे के ढेर को कम कर पर्यावरण की भी सुरक्षा करेगा।
कचरे के उपयोग से सड़कों के निर्माण की यह पहल भारत के शहरी विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। ठोस कचरे का सही ढंग से निस्तारण करके न केवल लैंडफिल साइटों को खाली किया जा सकेगा, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का भी संरक्षण होगा। यह कदम भविष्य के लिए टिकाऊ विकास का एक उदाहरण है, जो स्वच्छ भारत मिशन और गति शक्ति अभियान के तहत पर्यावरणीय संतुलन और अवसंरचना के विकास को साथ लेकर चलता है। इससे न केवल कचरे की समस्या का समाधान होगा, बल्कि भूमि और मिट्टी का बेहतर उपयोग भी सुनिश्चित होगा।
Source- dainik jagran