जलवायु परिवर्तन पर जो विकसित देश नहीं कर पाए, वह भारत ने कर दिखाया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

saurabh pandey
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो विकसित देश नहीं कर सके। गुजरात के गांधीनगर में वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और प्रदर्शनी (री-इनवेस्ट) के चौथे संस्करण के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित लक्ष्यों को नौ साल पहले ही प्राप्त कर लिया है।

जलवायु लक्ष्य और ऊर्जा परिवर्तन

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत जी-20 का पहला और एकमात्र देश है, जिसने पेरिस में तय किए गए जलवायु लक्ष्यों को समय सीमा से पहले पूरा किया है। भारत 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य पूरा करने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम सतत ऊर्जा की दिशा में प्रतिबद्ध हैं और सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और जल विद्युत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारी योजना आने वाली पीढ़ियों के लिए अगले 1,000 साल की तैयारी करने की है।”

विकास के 100 दिन

पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन दिनों के दौरान भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। 100 दिनों में 12 नए औद्योगिक शहर बनाने, 8 हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मंजूरी देने, और 15 नई वंदे भारत ट्रेनों के लॉन्च की घोषणाएं की गई हैं। इसके अलावा, रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए 1,000 अरब रुपये का फंड और तीन करोड़ नए घरों के निर्माण का काम शुरू किया गया है।

ग्रीन एनर्जी और पवन ऊर्जा

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 100 दिनों में पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर 7,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। उन्होंने अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं की व्यवहार्यता और वित्तपोषण के लिए भी बड़े निवेश की योजना की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, 31,000 मेगावाट हाइड्रो पावर उत्पादन के लिए 12,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

मॉडल सोलर सिटी योजना

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार अयोध्या और 16 अन्य शहरों को मॉडल ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित करने पर काम कर रही है। इस योजना का उद्देश्य हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।

आगामी लक्ष्य

मोदी ने आगे कहा कि भारतीय रेलवे को दशक के अंत तक जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे रेलवे नेटवर्क में हर दिन यात्रा करने वाले करोड़ों लोगों को पर्यावरण के अनुकूल यात्रा अनुभव मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विविधता, क्षमता और प्रदर्शन अद्वितीय है और इसे 21वीं सदी में वैश्विक जरूरतों का समाधान मानते हुए, विश्व भर से उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जलवायु परिवर्तन पहल को वैश्विक मानक के रूप में प्रस्तुत किया है, यह बताते हुए कि भारत ने पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा से नौ साल पहले प्राप्त कर लिया है। उनका कहना है कि भारत सतत ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिसमें सौर, पवन, परमाणु और जल विद्युत ऊर्जा स्रोतों पर जोर दिया जा रहा है।

मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में किए गए बड़े फैसलों की भी समीक्षा की, जिसमें ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं, नई ट्रेनों, औद्योगिक शहरों के निर्माण और शोध में निवेश शामिल है। उन्होंने भारतीय रेलवे को जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला बनाने का लक्ष्य रखा है, जिससे पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ जनसुविधाओं में सुधार किया जा सके।

उनके अनुसार, भारत का समर्पण और योजनाबद्ध दृष्टिकोण 21वीं सदी में वैश्विक मंच पर एक अग्रणी भूमिका निभाने में मदद करेगा। मोदी का संदेश स्पष्ट है कि भारत केवल शीर्ष पर पहुंचने की बजाय, वहाँ स्थिरता और दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।

Source- amar ujala

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