नासा के वैज्ञानिकों ने हाल ही में अंतरिक्ष में एक नया “मिनी-मून” देखा है, जो वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ा आश्चर्य है। यह चंद्रमा एक छोटे से क्षुद्रग्रह के चारों ओर चक्कर लगा रहा है, जो बृहस्पति के पास स्थित है। इस मिनी-मून का व्यास लगभग पाँच किलोमीटर है और यह लगभग 27 किलोमीटर चौड़े एक क्षुद्रग्रह से 201 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी खोज नासा के लूसी मिशन के तहत की गई है।
मिनी-मून क्या है?:
जब कभी-कभी छोटे क्षुद्रग्रह पृथ्वी या किसी अन्य बड़े ग्रह के पास आते हैं, तो वे उस ग्रह के गुरुत्वाकर्षण में फंस जाते हैं और उसके चारों ओर चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं। इन्हें वैज्ञानिक “मिनी-मून” कहते हैं। हाल ही में खोजा गया मिनी-मून, जिसे “2024 PT5” नाम दिया गया है, बृहस्पति के पास ट्रोजन क्षुद्रग्रह समूह का हिस्सा है और इसका आकार मैनहट्टन जितना बड़ा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अब तक खोजे गए सबसे छोटे चंद्रमाओं में से एक हो सकता है।
खगोलविदों की खोज:
अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की मानें, तो इस नए खोजे गए मिनी-मून का आकार लगभग 33 फीट है। यह पिंड लगभग 29 सितंबर से 25 नवंबर तक पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है और उसके बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो सकता है। इस अवधि में यह पृथ्वी की परिक्रमा करेगा।
लूसी मिशन और खोज:
नासा का लूसी मिशन मुख्य रूप से बृहस्पति के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने के लिए किया गया था। यह मिशन 16 अक्टूबर 2021 को लॉन्च किया गया था और इसके अंतर्गत कई अंतरिक्ष जांच को अंतरिक्ष में भेजा गया है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौरमंडल में छिपे क्षुद्रग्रहों और उनके चंद्रमाओं का अध्ययन करना है।
772 मिलियन किलोमीटर दूर:
इस खोजे गए चंद्रमा का परिक्रमा पथ अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह पृथ्वी से लगभग 772 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है। नासा के अनुसार, सौरमंडल में अब तक 200 से अधिक चाँद खोजे जा चुके हैं, और वैज्ञानिक मानते हैं कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
एटलस और चंद्रमा की खोज:
इस मिनी-मून की खोज नासा के क्षुद्रग्रह स्थलीय प्रभाव अंतिम चेतावनी प्रणाली (ATLAS) ने 7 अगस्त को की थी। नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के प्रमुख पॉल चोडास ने बताया कि यह मिनी-मून असली चंद्रमा का एक टुकड़ा भी हो सकता है, जो किसी प्रभाव के कारण अलग हो गया हो।
महत्वपूर्ण खगोलीय जानकारी:
हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स की शोधकर्ता फेडेरिका स्पोटो के अनुसार, इस मिनी-मून की खोज से वैज्ञानिकों को उन चट्टानों के बारे में जानकारी मिलेगी, जो पृथ्वी के आसपास परिक्रमा करती हैं और कभी-कभी पृथ्वी से टकराने का खतरा भी पैदा करती हैं।
नासा की यह नई खोज अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और कदम है, जो हमें यह समझने में मदद करती है कि हमारे सौरमंडल में और कितने रहस्य छिपे हुए हैं।
नासा की इस नई खोज ने अंतरिक्ष में मिनी-मून जैसे छोटे खगोलीय पिंडों की पहचान में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जोड़ी है। यह न केवल हमारे सौरमंडल की संरचना को समझने में मदद करेगा, बल्कि पृथ्वी के पास परिक्रमा करने वाले खतरनाक क्षुद्रग्रहों की पहचान और उनके प्रभावों को समझने में भी सहायक होगा। वैज्ञानिकों का यह प्रयास हमें खगोलीय घटनाओं की गहराई से जानकारी देने और भविष्य की अंतरिक्ष अन्वेषण योजनाओं को सुदृढ़ करने में मदद करेगा। इस मिनी-मून की खोज से यह स्पष्ट होता है कि हमारे ब्रह्मांड में अभी भी कई रहस्य हैं, जिन्हें सुलझाना बाकी है।
Source- dainik jagran