नमामि गंगे मिशन: मील का पत्थर साबित हो रही हैं चार परियोजनाएं

saurabh pandey
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गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने के उद्देश्य से शुरू किए गए ‘नमामि गंगे मिशन’ ने इस साल की पहली तिमाही में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उत्तर प्रदेश और बिहार में चार बड़ी परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं, और कई अन्य परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं। इन परियोजनाओं ने नमामि गंगे मिशन के लक्ष्यों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है और गंगा तथा रामगंगा नदियों के किनारे प्रदूषण कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, गाजीपुर और बरेली में कुल 553.21 करोड़ रुपये की लागत से तीन प्रमुख परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। इन परियोजनाओं के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया गया है, जो नगर निगम का दूषित पानी शोधित करके गंगा में जाने से रोकता है। इससे न केवल गंगा की पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हुए हैं।

बिहार के मुंगेर में भी एक 523 करोड़ रुपये की परियोजना समय से पहले पूरी हो गई है। इस परियोजना ने गंगा की सफाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और पानी की गुणवत्ता को सुधारने में सहायक साबित हुई है। इन प्रयासों ने स्थानीय समुदायों को भी लाभ पहुँचाया है, क्योंकि बेहतर घाटों और स्वच्छ नदियों ने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है।

नमामि गंगे मिशन के तहत चल रहे प्रयासों का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी को पुनर्जीवित और संरक्षित करना है, ताकि एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सके। इस मिशन को जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में मंजूरी दी गई थी, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय रखा गया था।

इन चार प्रमुख परियोजनाओं की सफलता नमामि गंगे मिशन की प्रभावशीलता को प्रमाणित करती है और गंगा नदी की सफाई के प्रति केंद्रित प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। परियोजनाओं के द्वारा पानी की गुणवत्ता में सुधार और स्थानीय विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ गंगा की सफाई में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है।

‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत उत्तर प्रदेश और बिहार में सफलतापूर्वक पूर्ण की गई परियोजनाएं गंगा नदी की सफाई और पुनर्जीवित करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही हैं। इन परियोजनाओं ने न केवल गंगा और रामगंगा नदियों के प्रदूषण को कम करने में मदद की है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी लाभ पहुँचाया है, रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं और पर्यटकों को आकर्षित किया है। इस प्रकार के प्रयासों से ‘नमामि गंगे मिशन’ की सफलता और प्रभावशीलता को नई दिशा मिली है और यह सुनिश्चित करने में मदद मिल रही है कि गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखा जा सके।

source- dainik jagran

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