नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा के ढालियावास गांव में तालाब प्रदूषण के मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय संयुक्त समिति को फिर से रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। एनजीटी ने समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है। यह कदम एनजीटी के 11 अक्टूबर 2023 के आदेश के अनुपालन की दिशा में उठाया गया है।
मामले की पृष्ठभूमि
हरियाणा के ढालियावास गांव के तालाब में प्रदूषण का मामला लंबे समय से अदालत में चल रहा है। मूल आवेदन में आरोप लगाया गया था कि तालाब में मानव अपशिष्ट, घरेलू सीवेज, कचरा और अन्य जैव-अपशिष्ट बह रहे हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता अत्यधिक खराब हो गई है। इस स्थिति से स्थानीय पारिस्थितिकी और जल संसाधनों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।
पहले के आदेश और रिपोर्ट
एनजीटी ने 11 अक्टूबर 2023 को एक चार सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया था, जिसका कार्य तालाब का निरीक्षण करना, पानी की गुणवत्ता का विश्लेषण करना और प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करना था। हालांकि, इस समिति ने अभी तक न्यायालय के निर्देशानुसार रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
तकनीकी सलाहकार द्वारा 19 अप्रैल 2024 को सबमिट की गई रिपोर्ट ने भी एनजीटी के आदेश का पालन नहीं किया। रिपोर्ट पर समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं थे और यह पुष्टि नहीं की गई थी कि समिति ने साइट का दौरा किया था या तालाब की जल गुणवत्ता का परीक्षण किया था।
एनजीटी का नया आदेश
एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि समिति की रिपोर्ट में कोई विश्वसनीयता नहीं है और ट्रिब्यूनल के आदेश का ठीक से पालन नहीं किया गया। इस स्थिति को सुधारने के लिए एनजीटी ने फिर से संयुक्त समिति से रिपोर्ट मांगी है और समिति को आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
आगे की कार्रवाई
एनजीटी ने समिति से इस मुद्दे की गहराई से जांच करने और प्रदूषण के सभी संभावित स्रोतों की पहचान करने को कहा है। साथ ही, समिति को तालाब की जल गुणवत्ता पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कार्रवाई सुनिश्चित करेगी कि ढालियावास गांव के तालाब की स्थिति में सुधार हो और स्थानीय पर्यावरण को बचाया जा सके।
इस मुद्दे की निगरानी और उचित समाधान की दिशा में एनजीटी की यह नई पहल तालाब के प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरणीय नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
हरियाणा के ढालियावास गांव के तालाब में प्रदूषण की समस्या को लेकर एनजीटी की नवीनतम कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है। तालाब में मानव अपशिष्ट, घरेलू सीवेज और अन्य जैव-अपशिष्ट के चलते जल की गुणवत्ता में गिरावट और पारिस्थितिकी तंत्र को हो रहे नुकसान को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने संयुक्त समिति से त्वरित और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
समिति के सदस्यों द्वारा पहले प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर उठे सवालों और एनजीटी के आदेश की अनुपालना न होने के मद्देनजर, यह नया आदेश प्रदूषण के स्रोतों की पहचान और जल गुणवत्ता के परीक्षण की आवश्यकता को स्पष्ट करता है। एनजीटी का यह कदम न केवल ढालियावास गांव के पर्यावरण को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि भविष्य में ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए भी एक मिसाल पेश करेगा।
इस मुद्दे की गहन जांच और त्वरित समाधान की आवश्यकता है, ताकि तालाब की स्थिति में सुधार हो सके और स्थानीय पारिस्थितिकी को संरक्षित किया जा सके। एनजीटी की निगरानी और समिति की उचित कार्रवाई से उम्मीद की जा सकती है कि प्रदूषण पर काबू पाया जाएगा और पर्यावरणीय क्षति को कम किया जा सकेगा।
Source- down to earth